Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

संपादकीय: न्यायदान में तेजी लाना आवश्यक

Adjudication Process: अदालतों में मुकदमों का बैकलाग कम करना तथा सामंजस्य को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता होगी. सुप्रीम कोर्ट में बकाया मामलों की तादाद 90,000 हो गई है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Nov 28, 2025 | 02:28 PM

न्यायदान में तेजी लाना आवश्यक(सौ. डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डिजिटल डेस्क: भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने न्यायदान की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि अदालतों में मुकदमों का बैकलाग कम करना तथा सामंजस्य को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता होगी. सुप्रीम कोर्ट में बकाया मामलों की तादाद 90,000 हो गई है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यह समझना कठिन है कि लोग मुकदमा लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों आ जाते हैं? उन्हें पहले कनिष्ठ न्यायालयों में जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायालयों से बकाया मामलों के बारे में रिपोर्ट लेंगे तथा देश की निचली अदालतों से डाटा जमा करवाएंगे, इससे वास्तविकता सामने आ सकेगी।

अपने 15 माह के कार्यकाल में चीफ जस्टिस न्यायदान में गति लाने के लिए प्रयत्नशील रहेंगे. इसके पूर्व भी अपने सार्वजनिक बयानों में न्यायमूर्ति सूर्यकांत न्यायिक सुधार लाने के लिए मानव संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं. न्यायिक ढांचे की कमियां पूरी करने तथा तकनीक के उपयोग से न्यायदान की प्रणाली सक्षम हो सकती है परंतु मानवीय स्पर्श के बगैर वह अधूरी रहेगी. ऐसे विश्व में जहां मशीन कविता लिख सकती है, हमें याद रखना चाहिए कि न्यायदान एक इंसानी व्यवहार है. इसमें विवेक की आवश्यकता होती है. यद्यपि न्यायिक सुधार की दिशा में काम हो रहा है लेकिन चीफ जस्टिस सूर्यकांत की तात्कालिक प्राथमिकता सुप्रीम कोर्ट में बकाया मामलों की तादाद घटाना है।

90,000 मामले विचाराधीन होना बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिए न्यायाधीशों का अधिकतम उपयोग करना होगा जो न्यायदान में गतिशीलता लाएं. चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह अधिक संवैधानिक पीठ का गठन करेंगे क्योंकि वैधानिक स्पष्टता के अभाव में हाईकोर्ट व कनिष्ठ अदालतों में बहुत से मामलों का निपटारा नहीं हो पाया है. तकनीकी समन्वय तथा कुशल अदालत प्रबंधन पर जोर देकर बकाया मामलों की तादाद घटाई जा सकती है. यह बात भी अपनी जगह सही है कि विलंब से किया जानेवाला न्याय, न्याय नहीं होता।

ये भी पढ़ें–  नवभारत विशेष के लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें 

न्याय प्रक्रिया में विलंब के लिए वकील भी जिम्मेदार हैं जो तारीख पर तारीख लेते चले जाते हैं. जब एक दिन में 7 या 8 मामले निपटाए जा सकते हैं तो बोर्ड पर 30-35 मामलों की सूची क्यों लगाई जाती है? इससे मुकदमे से जुड़े वादी-प्रतिवादी व गवाह का समय बरबाद होता है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने मध्यस्थता से मामले निपटाने का विकल्प रखा है. इससे अनेक मामले शीघ्रतापूर्वक हल हो सकते हैं। 2023 में पारित मध्यस्थता कानून इसमें काफी हद तक सहायक हो सकता है। दोनों पक्षों में आपसी सुलह करवाई जा सकती है क्योंकि मामला कई वर्षों तक चलते रहने से दोनों पक्षों की परेशानी व खर्च बढ़ता है. देश के उच्च न्यायालयों व कनिष्ठ अदालतों में ऐसे 1.84 करोड़ मामलों की पहचान की गई है जिन्हें मध्यस्थता से सुलझाया जा सकता है. सीजेआई के समर्थन व प्रोत्साहन से न्यायपालिका का बोझ कम करना संभव होगा।

लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा

Chief justice of india surya kant stressed on expediting the process of justice delivery

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 28, 2025 | 02:28 PM

Topics:  

  • CJI Surya Kant
  • Special Coverage
  • Supreme Court

सम्बंधित ख़बरें

1

महाराष्ट्र निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तय समय पर होंगे इलेक्शन

2

क्या सुप्रीम कोर्ट रोक देगा महाराष्ट्र निकाय चुनाव? आज आएगा बड़ा फैसला, उम्मीदवारों की धड़कनें तेज

3

रणवीर अल्लाहबादिया की वजह से लगी मोदी सरकार को फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल

4

1 दिसंबर से बदल जाएगा सुप्रीम कोर्ट का नियम? नए CJI सूर्यकांत ने दिए बड़े बदलाव के संकेत

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.