कानून बनाने वाले ही यदि नियम-कानून की धज्जियां उड़ाने लगें तो अराजकता फैलना स्वाभाविक है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन अपने स्वच्छंद आचरण की वजह से मुसीबत में पड़ गए हैं. जब ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण की वजह से सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया था और लोग अपने घरों में रहने के लिए विवश थे, तभी जानसन ने कोरोना काल में कई पार्टियां की थीं. इन पार्टियों में काफी लोगों की मौजूदगी के बीच खाने-पीने और मौज-मस्ती का दौर चला होगा.
ब्रिटिश पुलिस लॉकडाउन के दौरान हुई ऐसी 12 पार्टियों की जांच कर रही है. माना जाता है कि इनमें से करीब 6 पार्टियां बोरिस जानसन से जुड़ी हुई हैं. जानसन ने जून 2020 में अपने जन्मदिन पर पार्टी की थी. इस मामले में जानसन की पत्नी कैरी और वित्त मंत्री ऋषि सुनक पर जुर्माना हो चुका है. इसके बाद नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री के निवास 10,डाउनिंग स्ट्रीट में संचार निदेशक ली केन की विदाई के समय पार्टी दी गई थी. प्रधानमंत्री जानसन की यह पार्टियां गुप्त नहीं रहीं.
उन पर पार्टीगेट स्कैंडल का आरोप लगा है. विपक्षी लेबर पार्टी की उपनेता एंजेला रेनर ने कहा कि जानसन न केवल पार्टियों में शामिल हुए, बल्कि उन्होंने ऐसी पार्टियों के आयोजन पर भी जोर दिया था. रेनर ने सख्त शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री ने हर कदम पर देश के लोगों को भटकाया और गुमराह किया. जब ब्रिटेन के लोग कोरोना संकट में बलिदान दे रहे थे और घरों में कैद थे तब जानसन कानून तोड़ रहे थे. रेनर ने जानसन की इस हरकत को प्रधानमंत्री कार्यालय का अपमान बताया और कहा कि जानसन जैसे व्यक्ति की बजाय देश को बेहतर नेतृत्व की जरूरत है.
जानसन के गैर जिम्मेदारीपूर्ण आचरण की सर्वत्र भर्त्सना हो रही है. यह कैसी विडंबना है कि देश में लॉकडाउन लगाने वाली सरकार का मुखिया ने खुद ही लॉकडाउन का बार-बार उल्लंघन किया और पार्टियां आयोजित कर मजमा लगाया. यह भी नहीं सोचा कि ऐसा करने से संक्रमण फैलेगा. यदि विपक्ष और जनता का दबाव ज्यादा पड़ेगा तो सत्तारूढ़ दल को अपना प्रधानमंत्री बदलना पड़ सकता है.