आज का निशानेबाज (सौ.डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बार-बार वियतनाम क्यों जाते हैं? उन्हें देश को बताना चाहिए कि अपने चुनाव क्षेत्र रायबरेली की बजाय वियतनाम में अधिक समय क्यों बिताते हैं?’ हमने कहा, ‘राहुल गांधी ने कभी बीजेपी नेताओं से यह नहीं पूछा कि वे बार-बार अयोध्या क्यों जाते हैं अथवा महाकुंभ के दौरान प्रयागराज कितनी बार गए और कितनी डुबकियां लगाईं. यह अपनी-अपनी पसंद का मामला है।
किसी को राम अच्छे लगते हैं तो किसी को वियतनाम! यह राहुल गांधी का पर्सनल मामला है कि वह कहां जाएं और कहां नहीं?’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, जो नेता सार्वजनिक रूप से राजनीति में हैं उनका जीवन पर्सनल कहां रह जाता है. रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री रहे हैं इसलिए उन्होंने कानूनी तौर पर सही और विधिसम्मत सवाल किया है कि क्यों बार-बार वियतनाम जाते हो? इससे उनकी जिज्ञासा या जानने की इच्छा भी झलकती है कि रायबरेली की जनता की राय जानने की बजाय किस काम से वियतनाम को अपना मुकाम बनाते हो?’ हमने कहा, ‘यह सवाल सिर्फ वीजा जारी करनेवाला कांसुलेट का अधिकारी पूछता है कि आपकी यात्रा का उद्देश्य क्या है और वहां कितने दिन रहोगे।
रविशंकर प्रसाद को राहुल के कहीं आने-जाने से क्या लेना-देना! उन्हें अपने नेता व प्रधानमंत्री मोदी से उनकी विदेश यात्राओं के बारे में पूछना चाहिए. राहुल वियतनाम जाएं या टिम्बकटू, रविशंकर को कौनसी तकलीफ है? वह चाहे तो खुद भी वियतनाम, सुरीनाम या गुआम द्वीप घूम आएं.’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, बीजेपी नेताओं को लगता है कि राहुल इतनी स्वच्छंदता से कैसे घूमते-फिरते हैं जबकि बीजेपी के मंत्रियों को विदेश जाने के लिए पीएम से पूछना पड़ता है. यह पार्टी हर समय चुनावी मोड में रहती है।
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एक चुनाव खत्म होते ही अगले चुनाव की तैयारी में लग जाती है. इसलिए पीएम और विदेश मंत्री छोड़कर उसके बहुत कम नेता विदेश यात्रा करते हैं. उनकी स्वदेश में जरूरत बनी रहती है. जब 2029 का लोकसभा चुनाव होगा तब राहुल अवश्य रायबरेली में रहेंगे. गांधी परिवार के 3 सदस्य एक साथ लोकसभा में हैं. यह बात बीजेपी के किसी परिवार के साथ नहीं है।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा