वर्दीधारियों की गुंडागर्दी कदापि बर्दाश्त नहीं (डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: गुलमर्ग के हाई आल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल में तैनात सेना का एक अधिकारी आपात छुट्टी लेकर स्पाइसजेट की फ्लाइट एसजी 386 से दिल्ली जाने के लिए श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचा। एयरलाइन के अनुसार उसके पास दो कैबिन बैग थे, जिनका वजन 16 किलो था यानी 7 किलो की सीमा से दोगुना से भी अधिक। जब उससे अतिरिक्त भार का भाड़ा अदा करने के लिए कहा गया, तो उसने न सिर्फ भाड़ा देने से इंकार कर दिया, बल्कि बोर्डिंग औपचारिकताएं पूरी किए बिना जबरन एरोब्रिज में प्रवेश कर गया (जो कि हवाई सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन है)।
सीआईएसएफ अधिकारी ने उसे बाहर निकाला, लेकिन गेट पर वह हिंसक हो गया। उसने स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों को लात, घूंसों व क्यू स्टैंड से बुरी तरह से पीटा। कर्मचारियों को जो चोटें आई हैं, उनमें रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, जबड़े का टूटना आदि शामिल हैं। एयरलाइन ने इसे ‘कातिलाना हमला’ बताया है। हमले का वीडियो वायरल होने के बाद सैन्य अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। श्रीनगर में डिफेंस पीआरओ ने कहा है, ‘भारतीय सेना अनुशासन व व्यवहार के उच्च मानक बरकरार रखने के लिए समर्पित है और सभी आरोपों को बहुत गंभीरता से लेती है। इस मामले की जांच करने के लिए अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।’
कुछ दिन पहले विशाखापट्टनम से हजरत निजामुद्दीन जा रही एपी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रही एक महिला की आरक्षित सीट के पास एक फौजी ने नशे की हालत में पेशाब कर दिया। महिला यात्री की शिकायत पर टीटीई ने फौजी को ग्वालियर स्टेशन पर उतारकर रेलवे सुरक्षा बल के हवाले कर दिया। वर्दी का दुरूपयोग करने से संबंधित एक अन्य घटना जिला एटा, उत्तर प्रदेश की है। गांव चंद्रभानपुर से एक किशोर लड़की गायब हो गई। इस बारे में पूछताछ करने के लिए इसी गांव के 17 वर्षीय सत्यवीर सिंह को निधौली कलां पुलिस स्टेशन में बुलाया गया। जब वह थाने से गांव लौटा तो उसकी मौत हो गई, उसके गुप्तांगों सहित शरीर के अनेक हिस्सों पर चोटों के निशान थे। उसके परिवार का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में सत्यवीर को यातनाएं दी गईं, जब उसकी हालत खराब हो गई तो उसे गांव से 500 मी. के फासले पर छोड़ दिया गया, जहां चोटों के कारण उसकी मौत हो गई।
वर्दी चाहे सेना की हो या पुलिस की, हर नागरिक उसका सम्मान करता है। उस पर गर्व करता है, क्योंकि सेना अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सीमाओं की सुरक्षा करती है और पुलिस देश के भीतर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाती है। चूंकि ये जिम्मेदारियां बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए सेना/पुलिस की ट्रेनिंग का आवश्यक हिस्सा अनुशासन व अच्छा व्यवहार है। अगर इनमें ये गुण नहीं होंगे, तो देश में अराजकता फैलने की आशंका रहती है। कहने का अर्थ यह है कि लोकतंत्र को वर्दी वाले गुंडे नहीं चाहिए। देश इन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता। अनुशासनहीनता की जो घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं, चिंताजनक हैं। इन पर विराम लगना चाहिए।
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जो लोग वर्दी में हैं, उनसे अनुशासन की उम्मीदें अधिक होती हैं। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि वह भी इसी समाज का हिस्सा हैं, जिसका गुस्सा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। गुस्से का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर है, जिसके रोगी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यही वजह है कि रोड रेज (सड़क पर मारपीट) की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। अब तो रोड रेज एयर रेज बनती जा रही है, जो अधिक खतरनाक है। इंडिगो मुंबई-कोलकाता फ्लाइट पर 1 अगस्त को एक यात्री ने दूसरे यात्री को थप्पड़ मारा था। श्रीनगर एयरपोर्ट पर जो कुछ स्पाइसजेट क्रू के साथ हुआ, उससे यह चिंताजनक बात सामने आती है कि हवाईजहाज में सभी यात्री सभ्य मानसिकता के साथ यात्रा नहीं करते हैं। वर्दी में जो लोग गुंडागर्दी करते हैं, उन पर तो सबसे पहले और सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सभी को सबक मिल सके।
लेख- डॉ. अनिता राठौर के द्वारा