भगवान धनवंतरि की पूजा का महत्व (सौ.सोशल मीडिया)
Dhanteras 2024: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में सबसे खास त्योहार में से एक होता है जिसका जश्न देशभर में मनाते है। दिवाली का त्योहार पांच विशेष दिनों को समर्पित होता है इसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। धनतेरस का त्योहार बहुत खास होता हैं इस दिन भगवान कुबेर की पूजा करते हैं तो वहीं पर इस दिन का महत्व महर्षि धन्वंतरि की पूजा से भी जुड़ा है जिन्हें स्वास्थ्य के देवता के रूप में जानते है। चलिए जानते है क्यों करते हैं भगवान धन्वंतरि की इस दिन पूजा।
यहां पर दिवाली के त्योहार की शुरुआत में पहला दिन धनतेरस होता हैं जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व भगवान कुबेर हैं तो, इस दिन खरीददारी करने का महत्व होता है लोग अपनी क्षमता के अनुसार ही, सोना-चांदी से लेकर पीतल व तांबे आदि के बर्तन और बाकी चीजों की खरीदारी करते हैं। इस दिन चांदी का सिक्का खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि, धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करने से धन-संपदा बढ़ती है।
ये भी पढ़ें- क्या आपने देखा बूढ़ी दिवाली का जश्न, भारत में इस जगह होता हैं बेहद खास
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा के अलावा भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से लोगों को आयोग्य की प्राप्ति होती है। भगवान धन्वंतरि का संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है जिन्हें आयुर्वेद का प्रणेता और चिकित्सा क्षेत्र देवताओं के वैद्य का भी माना जाता है। यहां पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से समस्त रोगों से छुटकारा मिलने लगता है। पौराणिक कथा के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि, अमृत पाने के लिए देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया, तब एक-एक करके समुद्र मंथन से 14 चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई थी। समुद्र मंथन के बाद सबसे अंत में अमृत की प्राप्ति हुई। इसमें भगवान धन्वंतरि समुद्र से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे जिनका संबंध धनतेरस की तिथि से था इसलिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
ये भी पढ़ें-दही और बेसन में छिपा है ऐश्वर्या राय की खूबसूरती का राज, ऐसे बनाती हैं फेस पैक
यहां पर धनतेरस की पौराणिक कथा और कारण तो आप जान चुके हैं लेकिन धनतेरस के दिन की कई मान्यताएं प्रचलित है। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है, धनतेरस के दिन खरीदे गए बर्तनों में लोग दिवाली के बाद अन्न आदि भरकर रखते हैं। इसके अलावा, लोग धनिया खरीदकर भी इन बर्तनों में रखते हैं। कहते हैं कि, इस दिन खरीददारी करने से अन्न और धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं, धनतेरस के दिन खरीदी गई चीजें 13 गुना ज्यादा फलदायी है।