गायत्री जयंती (सौ.सोशल मीडिया)
आज 6 जून को गायत्री जयंती का पावन पर्व मनाया जा रहा है। वेदों की देवी माता गायत्री को समर्पित गायत्री जयंती का पावन पर्व सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जो हर साल जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। कहते है कि इसी दिन वेद माता गायत्री का अवतरण हुआ था।
सनातन धर्म में गायत्री मंत्र सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। शास्त्रों के अनुसार, गायत्री जयंती ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है, इसलिए गायत्री जयंती का दिन छात्रों के लिए बहुत ही खास माना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष गायत्री जयंती कब मनाई जायेगी और इसकी महिमा।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 जून को देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं, तिथि की समापन अगले दिन 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, गायत्री जयंती का पर्व 6 जून को मनाया जाएगा।
शास्त्रों के अनुसार, गायंत्री जयंती के दिन पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। उसके बाद सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। उसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें। फिर मां को भोग अर्पित करें।
ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। धार्मिक मान्यता है कि गायत्री जयंती के दिन मां गायत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही इस मंत्र का जाप मात्र करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मानसिक शांति मिलती है और जीवन में खुशियों का संचार होता है।
ज्योतिष बताते है कि इस मंत्र के जाप से कोई भी मनुष्य ब्रह्मा जी की कृपा पा सकता है। ईश्वर तक पहुंचने और मन की शांति पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप श्रेष्ठ और सरल उपाय माना गया है। गायत्री मंत्र का जाप नियम और विधीपूर्वक करने से शुभ परिणाम जल्द देखने को मिलते है।