होलाष्टक (सौ.सोशल मीडिया)
Holashtak 2025 : आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय दृष्टि से फाल्गुन महीना बड़ा महत्व रखता है। क्योंकि, यह महीना देवों के देव भगवान शिव को समर्पित है। जैसा कि आप जानते है कि फाल्गुन महीना हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना है, इसके बाद चैत्र महीना आता है, जो हिन्दुओं की नववर्ष होती है। इस दिन को हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी।
इस अवधि में महाशिवरात्रि का महापर्व और होली जैसे प्रमुख हिंदू त्योहार भी मनाए जाते हैं। इस साल रंगों का त्योहार होली का पर्व 14 मार्च को मनाई जाएगी। लेकिन, इससे 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में होलाष्टक का बड़ा महत्व है। होलाष्टक वह समय है, जो होली त्योहार से आठ दिन पहले शुरू होता है।
इस साल होलाष्टक की शुरुआत 7 मार्च, 2025 दिन शुक्रवार से हो रही है। वहीं, इसका समापन 13 मार्च 2025 दिन गुरुवार को होलिका दहन के साथ होगा। माना जाता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे- विवाह, सगाई, मुंडन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए।
ऐसे में आइए जानते हैं कि होलाष्टक के दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य करना अशुभ
सनातन धर्म में होलाष्टक के समय सभी आठ ग्रह अशुभ माने जाते हैं। इस समय ग्रहों की स्थिति शुभ कार्यों के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। इस दौरान किए गए कार्य केवल बाधाएं उत्पन्न करते हैं। इसलिए होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इसलिए इस दौरान
शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान क्या करना शुभ जानिए :
ज्योतिषयों की मानें तो, होलाष्टक के दौरान विष्णु सहस्रनाम, हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बड़ा शुभ एवं फलदायी माना जाता है।
इस दौरान जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दौरान जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान जरूर करना चाहिए।
इस दौरान पितरों की शांति के लिए तर्पण करना भी लाभकारी होता है। इसके अलावा,इस दौरान ग्रह शांति पूजा या जप भी करवा सकते हैं।
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होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए जानिए
होलाष्टक के दौरान शादी, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश इत्यादि शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
होलाष्टक की अवधि में अधिक क्रोध न करें और विवादों में न उलझें।
इसके अलावा होलाष्टक के दौरान नए मकान, दुकान या किसी नए व्यापार की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है।