गणपति उत्सव के दौरान क्या नहीं करना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया)
Ganesh Utsav 2025: हर साल की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी का महापर्व पूरे देशभर में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह 10 दिनों का उत्सव भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। इस दौरान भक्तजन भगवान गणेश की प्रतिमाएँ स्थापित कर उनकी पूजा, आरती और भजन करते हैं।
10 दिनों बाद प्रेम एवं श्रद्धा पूर्वक बप्पा का विसर्जन कर करते हैं। हालांकि, कुछ लोग डेढ़, 3, 5 या 7 दिनों के बाद भी विसर्जन कर देते हैं।
गणपति उत्सव में बप्पा का घर आना पूरे वातावरण को आध्यात्मिकता से भर देता है. बप्पा के घर आते हैं वातावरण पवित्र और शुद्ध हो जाता है।
लेकिन, आपको भी ध्यान रखना होगा कि, जब तक गणपति आपके घर पर रहें, तब कुछ कामों को करने से बचें, वरना इसका असर सुख-शांति पर पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं गणपति उत्सव के दौरान क्या नहीं करना चाहिए।
ज्योतिषयों के अनुसार, गणपति स्थापना के दिन से लेकर जब तक बप्पा आपके घर पर रहें तब तक वातावरण को शांतिपूरण और शुद्ध रखें। कहा जाता है कि, इस दौरान क्रोध, लड़ाई-झड़गा न करें। ऐसा कोई काम न करें, जिससे घर पर कलह-क्लेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो।
कहा जाता है कि, गणोशोत्सव के दौरान घर पर सात्विकता का भी पालन करें। लहसुन-प्याज या मांसाहार भोजन खाने से पूरी तरह बचे और घर पर शराब या किसी तरह के नशीले वस्तुओं का सेवन भी न करें।
गणपति के घर पर होने से घर को भी पूरी तरह से साफ-सुथरा रखें। खासकर पूजास्थल के पास किसी तरह की गंदगी नहीं होनी चाहिए। इस स्थान पर ताजे फूल-माला रखें और वातावरण को सुगंधित रखें।
मान्यता है कि, गणपति उत्सव के समय बाल-दाढ़ी या नाखून भी नहीं काटने चाहिए। साथ ही घर पर जूते-चप्पल पहनकर भी नहीं आना चाहिए। इससे बप्पा का अपमान होता है।
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गणेश स्थापना के बाद कई बार लोग भगवान को सफेद रंग से जुड़ी कई चीजें अनजाने में अर्पित कर देते है। इनमें सफेद रंग के फूल, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन या सफेद वस्त्र शामिल होते है। इसलिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि बप्पा की पूजा ऐसी भूल ना हो।