रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Ram Navami Puja Vidhi: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को समर्पित रामनवमी का महापर्व इस वर्ष 2025 रामनवमी का महापर्व 6 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा। राम नवमी मुख्य रूप से एक हिंदू त्यौहार है जो भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
इस पर्व के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ था। इसी वजह से हर साल इस तिथि पर रामनवमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस दिन भक्त विधिपूर्वक भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करते हैं। इससे साधक को सभी कामों में सफलता मिलती है। साथ ही प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए कौन सा उपाय करना शुभ हो सकता है।
रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के उपाय :
राम नाम का जाप जरूर करें
कहा जाता है कि राम नाम में वह शक्ति है, जो असंभव को संभव कर सकती है। संत तुलसीदास जी ने कहा है, “कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर-सुमिर नर उतरहि पारा।” इसका अर्थ है कि इस युग में यदि कोई साधना सर्वोत्तम है, तो वह राम नाम का जप है। “श्री राम जय राम जय जय राम” का जाप करें और अपने जीवन को शुभता और शांति से भर लें।
सत्य, धर्म के रास्ते पर चलें
जैसा कि,आप जानते हैं कि, श्रीराम का जीवन सत्य, त्याग और कर्तव्य से प्रेरित रहा है। अगर आप उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनके मूल सिद्धांतों का जरूर पालन करें, जिसमें आप कभी भी कभी झूठ न बोलें, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। रिश्तों में आदर, संयम और प्रेम बनाए रखें और कभी भी किसी के साथ छल-कपट न करें और सही काम करें।
हनुमान जी की भक्ति जरूर करें
रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। कहा जाता है कि, श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी की आराधना करने से स्वयं प्रभु राम प्रसन्न होते हैं। मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है। हनुमानजी के चरणों में भक्ति समर्पित करने से श्रीराम का प्रेम और आशीर्वाद सहज ही प्राप्त होता है।
राम नवमी और एकादशी का व्रत करें
रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए व्रत पूजन और कीर्तन करने से प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते है। इसलिए इस दिन व्रत, पूजन और कीर्तन करने से विशेष लाभ मिलता है।
इसके अलावा, एकादशी व्रत का पालन भी श्री राम और उनके सभी अवतारों को प्रसन्न करता है। यह आत्मशुद्धि का अच्छा उपाय माना जाता है।
श्रीरामचरितमानस और सुंदरकांड का पाठ करना ना भूलें
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श्रीराम की कथा केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला एक अमृत है। रामायण का पाठ करने से मनोबल बढ़ता है, कर्म में शुद्धता आती है और प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। सुंदरकांड का विशेष पाठ जीवन की कठिनाइयों को हरने वाला माना जाता है। जो भक्त इसे श्रद्धा से पढ़ते हैं, उन पर श्रीराम और हनुमान जी दोनों की कृपा हमेशा बनी रहती है।