वरूथिनी एकादशी (सौ.सोशल मीडिया)
Varuthini Ekadashi 2025: वैशाख महीना शुरू हो गया है। हिन्दू धर्म में वैशाख माह सबसे पवित्र और शुभ महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में पड़ने वाली एकादशी यानी वरूथिनी एकादशी व्रत सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। इस बार ये एकादशी 24 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि पर भक्त भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार वरूथिनी एकादशी व्रत करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं वरूथिनी एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त, पारण टाइम और पूजा विधि के बारे में।
क्या है वरूथिनी एकादशी डेट और शुभ मुहूर्त
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 24 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर तिथि खत्म होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय तिथि का अधिक महत्व है। इस प्रकार से 24 अप्रैल को वरूथिनी एकादशी मनाई जाएगी।
जानिए वरूथिनी एकादशी 2025 पारण समय
बता दें कि, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। वरूथिनी एकादशी का व्रत का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रत पारण का टाइम सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक है।
व्रत का पारण करने के बाद विशेष चीजों का दान भी जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि दान करने से एकादशी व्रत का पूरा फल मिलता है।
ऐसे करें वरुथिनी एकादशी पूजा
वरुथिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
इसके बाद स्नान करें।
अब आप पूजा स्थान को स्वच्छ करके गंगाजल छिड़क लीजिए।
फिर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लीजिए।
इसके बाद आप भगवान विष्णु की प्रतिमा पर चंदन लगाएं और फूल माला अर्पित करिए।
अब आप घी का दीया जलाएं और पंचामृत का भोग लगा लीजिए।
फिर व्रत कथा पढ़िए और अंत में आरती करें।
इस दिन आप अनाज का भोग भगवान को गलती से भी अर्पित न करें।
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क्या है वरुथिनी एकादशी महत्व जानिए
हिन्दू धर्म में वरुथिनी एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। इस व्रत करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन जो भी सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
इस दिन भक्ति और मुक्ति के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करिए, भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।