छठ पूजा में सूप के उपयोग का है बड़ा महत्व
chhath Parv 2024:देशभर में छठ पर्व की धूम मची है। लोग त्योहार को मनाने के लिए देश-विदेश से अपने घर लौट रहे हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का यूपी-बिहार में विशेष महत्व है। आपने एक बात गौर किया होगा कि छठ पूजा पर जब लोग शाम और सुबह में घाट, नदी किनारे जाते हैं तो अपने सिर पर बड़े-बड़े सूप, टोकरी रखते हैं, जिसमें कई तरह की सामग्री होती है।
यह सब पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद होते हैं। आखिर छठ पर्व में सूप में ही क्यों प्रसाद को रखा जाता है और क्यों किया जाता है इसका इस्तेमाल। आइए जानते हैं इस बारे में-
जानिए क्या है छठ पूजा में सूप के इस्तेमाल का महत्व
ज्योतिष गुरु के अनुसार, छठ पूजा में आपको बड़े-बड़े बांस के बने सूप, डलिया या दउरा देखने को मिल जाएंगे। इसी सूप में सभी प्रसाद रखे जाते हैं और घाट पर लोग अपने सिर पर रखकर पैदल चलकर जाते हैं।
दरअसल, बांस प्रकृति का प्रतीक हैं। यह एक प्राकृतिक चीज हैं। छठ पूजा में भी आप प्रकृति की पूजा ही करते हैं, इसलिए इस महापर्व में बांस के सूप, टोकरी का इस्तेमाल किया जाता हैं।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
ऐसा माना जाता है कि पूरी श्रद्धा से छठ माता की पूजा करने वाले पति-पत्नी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और नि:संतान दंपत्तियों को संतान का सुख मिलता है। साथ ही परिवार में सभी लोग सुखी जीवन जीते हैं।
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में लोग प्राकृतिक चीजों का ही उपयोग करते थे। चूंकि बांस आसानी से उपलब्ध हो जाता था, इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता था।
कुछ मान्यताओं के अनुसार, आदिवासी संस्कृति में बांस का विशेष महत्व था और इसका उपयोग पूजा में किया जाता था। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन का दाता माना जाता है। बांस तेजी से बढ़ने वाला पौधा है और इसलिए इसे सूर्य देव की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
छठ पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है, जो विशेष रूप से डोम जाति द्वारा तैयार किया जाता है। इन सूपों को तैयार करने के लिए एक विशेष प्रकार के बांस का उपयोग किया जाता है।
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