ये है गोपाष्टमी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त (सौ.सोशल मीडिया)
Gopashtami 2025 date: आज 30 अक्टूबर, गुरुवार को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, यह दिन गौ माता की पूजा और सेवा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से गौ सेवा करने पर अपार पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते है। ऐसे में आइए, जानते हैं गोपाष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि 30 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी।
गोपाष्टमी पर गौ पूजन का विशेष महत्व होता है। पूजा के लिए कुछ विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
गोपाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। गौ माता और उनके बछड़े को स्नान कराएं। उनके सींगों को रंगें या चंदन लगाएं. उन्हें नए वस्त्र या कलावा चढ़ाएं और फूलों की माला पहनाकर सजाएं।
गौ माता के सामने धूप, दीप जलाएं, रोली, अक्षत और हल्दी से तिलक करें। इसके बाद उनकी आरती उतारें और परिक्रमा करें। गौ माता को विशेष रूप से तैयार किया गया भोजन (जैसे हरा चारा, गुड़, रोटी या मीठा दलिया) खिलाएं।
गौ माता के साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी विधिवत पूजा करें और गोपाष्टमी की कथा सुनें। अगर संभव हो तो इस दिन गौशाला जाकर गौ सेवा करें, दान दें, या गायों के लिए चारा दान करें।
हिंदू धर्म में ‘गौ माता’ को देवी-देवताओं का निवास माना जाता है, क्योंकि इसमें 33 प्रकार के देवी-देवताओं का वास होता है। माना जाता है कि गाय की सेवा करने से पुण्य मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में गोपाष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुड़ा हुआ है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गौचारण (गायों को चराने) की लीला शुरू की थी। इससे पहले तक वे सिर्फ बछड़ों को ही चराते थे। एक अन्य कथा के अनुसार, गोपाष्टमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप यानी भारी बारिश से बचाया था।
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जब इंद्र का अहंकार भंग हुआ, तो उन्होंने क्षमा मांगी और उसी दिन से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन गौ माता की सेवा, उन्हें स्नान कराना, सजाना और भोजन खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि गौ सेवा से सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।