कृष्ण जन्माष्टमी (सौ.सोशल मीडिया)
Janmashtami Ka Vrat Kaise Rakhte Hai: सनातन धर्म में जन्माष्टमी व्रत का बड़ा महत्व है। देशभर में हर साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। अधिकतर लोग कृष्ण जी को खुश करने के लिए जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं। बता दें, व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय के साथ हो जाती है और इसका समापन कई लोग रात 12 बजे के बाद कर लेते हैं तो वहीं कई श्रद्धालु अगले दिन अपना व्रत खोलते हैं।
ऐसी मान्यता है कि जो कोई जन्माष्टमी का व्रत श्रद्धा-भाव से रखता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही उस पर राधा-कृष्ण की विशेष कृपा बरसती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर जन्माष्टमी का व्रत रखा कैसे जाता है। यहां हम इस बारे में ही आपको विस्तार से बताएंगे।
जो लोग जन्माष्टमी के दिन ही व्रत पारण करते हैं वो रात 12 बजे की पूजा के बाद अपना व्रत खोल सकते हैं।
वहीं जो अगले दिन व्रत खोलते हैं वो 17 अगस्त की सुबह 05:51 के बाद अपना उपवास खोल सकते हैं।
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जन्माष्टमी की रात में व्रत खोलने से पहले भगवान कृष्ण की विधि विधान पूजा करें और उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। इसके बाद पूजा में चढ़ाए गए प्रसाद को खाकर अपना व्रत खोल लें। रात की पूजा के बाद आप सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं।