(सौजन्य सोशल मीडिया)
सनातन धर्म में भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक ‘रक्षाबंधन’ का पवित्र पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन मांगती है। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार का रक्षाबंधन कई मायनों में काफी खास है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 90 वर्ष के बाद रक्षाबंधन के दिन पर इस बार चार शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें राखी बांधना बहुत ही शुभ रहेगा।
इसके अलावा इस दिन सावन का आखिरी सोमवार भी है जो इस दिन को और भी खास बना रहा है। इस दिन भाईयों के अलावा देवी-देवताओं व कई अन्य को भी राखी बांधी जाती है। यदि आप इस बारे में नहीं जानते तो आईये जान लेते हैं कि इस दिन आप और किन्हें राखी या रक्षासूत्र बांध सकते हैं ….
रक्षाबंधन पर पहली राखी अपने इष्टदेवों या भगवान को ही बांधनी चाहिए। इससे ईश्वर हर संकट से रक्षा करते हैं। इष्टदेवों को राखी घर का पुरुष और महिला दोनों बांध सकते हैं। बहुत सारे परिवार में सावन पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को राखी बांधी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम सबकी रक्षा ईश्वर ही करते हैं। उनके द्वारा दी गई प्राणवायु, भूमि, जल इत्यादि से जीवन आगे बढ़ता है। भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करने के लिए उन्हें अपना भाई मानकर राखी बांधनी चाहिए।
सैनिक को हम केवल वीरगति प्राप्त होने या स्वतंत्रता दिवस इत्यादि अवसरों पर ही याद करते हैं। लेकिन, वह हमारी रक्षा के लिए परिवार वालों, समाज, मित्रों और सुख-सुविधाओं का त्याग कर जान हथेली पर रखकर घर से दूर सीमाओं की रक्षा करते हैं। इसलिए उनको राखी बांधकर अपनेपन का एहसास कराना चाहिए। रक्षाबंधन के विशेष अवसर पर यदि महिलाएं सीमा पर या छावनी में जाकर सैनिकों को राखी बांधें तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा।
हर व्यक्ति का कोई न कोई मित्र या रिश्तेदार होता है। लेकिन कई बार इनमें से कई की कोई बहन नहीं होती। ऐसे लोगों में इस दिन निराशा का भाव आता हैं लेकिन वे किसी से कहते नहीं। ऐसे किसी व्यक्ति को भाई स्वीकार कर राखी जरूर बांधना चाहिए।
व्यक्ति के जीवन में गुरु और शिक्षक का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है। ईश्वर जीवन देता है तो गुरु मार्गदर्शन करता है और जीवन का बोध कराता है। अच्छे-बुरे का भेद बताता है। शिक्षक के बिना हमें न सत्कर्म का ज्ञान हो सकता है और न ही ईश्वर का। संसार में केवल अधर्म, अराजकता और भय का वातावरण रहेगा। इसलिए समाज के प्रति उनके योगदान को देखते हुए राखी बांधकर उनका आभार प्रकट करना चाहिए। इसलिए इस दिन अपने गुरुजनों को रक्षा सूत्र बांधना चाहिए।
इसके अलावा, इस खास दिन पर आप पेड़-पौधों को भी राखी बांध सकते है। हिंदू धर्म में सभी प्रकार के पेड़-पौधों की पूजा का विधान है। ऐसे में रक्षाबंधन पर पेड़ पौधों को राखी बांधकर उनका आभार जताना चाहिए। आप इस दिन पवित्र माने जाने वाले पीपल के पेड़ पर राखी बांध सकते हैं। इस पर भगवान विष्णु का वास माना जाता है।
लेखिका- सीमा कुमारी