मां ब्रह्मचारिणी की कथा (सौ.सोशल मीडिया)
Maa Brahmacharini Vrat Katha: आज 23 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है और यह दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र में सुशोभित हैं। माता के दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। देवी का ये स्वरूप अत्यंत ज्योतिर्मय है।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इसलिए इनकी पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के समय ‘ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की विधिवत पूजा की जाती है और उनका प्रिय भोग लगाया जाता है। अगर आपने भी आज व्रत किया है, तो इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की कथा जरूर पढ़नी चाहिए। ऐसे में आइए पढ़ते हैं दूसरे नवरात्रि की व्रत कथा-
पौराणिक कथा के अनुसार, पूर्व जन्म में मां ब्रह्मचारिणी, राजा हिमालय और देवी मैना की पुत्री थीं। देवर्षि नारद के उपदेश से उन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की। उन्होंने हजारों वर्षों तक केवल फल-फूल खाए और कुछ वर्षों तक सिर्फ साग खाकर जीवन निर्वाह किया।
इसके बाद माता ब्रह्मचारिणी ने सूखे बिल्व पत्र खाकर भी तपस्या जारी रखी। उनकी इस कठिन तपस्या के कारण उनका शरीर क्षीण हो गया और उनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। देवताओं और ऋषियों ने उनकी तपस्या की सराहना की और कहा कि आप से ही यह तप संभव था और अब आपकी मनोकामना जरूर पूर्ण होगी।
इस कथा से यह संदेश मिलता है कि जीवन में कितनी भी कठिन परिस्थितियां आ जाए, लेकिन मे मन विचलित नहीं होना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। नवरात्रि के दूसरे दिन इसी स्वरूप की पूजा की जाती है।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।।
हिन्दू धर्म में मा ब्रह्मचारिणी पूजा का विशेष महत्व हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान बढ़ता है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। माता ब्रह्मचारिणी ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाए रखती हैं और आशीर्वाद देती हैं।
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ऐसी मान्यता है कि माता के आशीर्वाद से हर कार्य पूरे हो जाते हैं और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। माता की आराधना करने से जीवन में संयम, बल, सात्विक, आत्मविश्वास की बढ़ता हैं। माता की शक्ति के प्रभाव से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं और जीवन में उत्साह व उमंग के साथ-साथ धैर्य व साहस का समावेश होता है।