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नवभारत डेस्क : प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को मंगल करने वाला व विघ्न बाधाओं का नाश करने वाला देवता कहा जाता है। अपने अद्भुत स्वरूप के कारण वे सभी देवताओं में सबसे खास माने जाते हैं। इनकी उपासना से सभी कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। गणेश जी का व्यक्तित्व और स्वरूप बेहद ही आकर्षक है। उनके बड़े-बड़े कान हैं, लम्बी नाक है और बड़ा उदर है। उनके इस विलक्षण स्वरूप के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं साथ ही इसके कई अर्थ भी हैं जिनका हमारे जीवन के लिए भी काफी महत्व है।
गणेश जी को उनके शारीरिक गठन के कारण लम्बोदर भी कहा जाता है। लंबोदर अर्थात बड़े पेट वाला। लाफिंग बुद्धा तथा धन के देवता कुबेर के अलावा गणेश जी ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनका बड़ा पेट है। दरअसल बड़े पेट को समृद्धी और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक शास्त्रों में गणेश जी के बड़े पेट होने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। कथाओं के अलावा इसके कई अन्य मायने भी हैं। तो आइये जानते हैं इस बारे में ……
बड़े पेट के पीछे पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब गणेश जी छोटे बालक थे तो उन्हें सदा यह डर लगा रहता था कि कहीं उनके भाई कार्तिकेय माता का दुग्ध पान न कर लें। इस डर के कारण वे दिन भर मां पार्वती के आंचल में छुपकर दूध पीते रहते थे, ताकि कार्तिकेय दुग्धपान न कर सकें। उनके ऐसे बर्ताव से एक दिन पिता महादेव ने मजाक में उन्हें लंबोदर कह दिया। उनके इस कथन के प्रभाव से गणेश जी लंबोदर हो गए। तभी से उन्हें लम्बोदर कहा जाने लगा। एक अन्य कथा के अनुसार पिता और माता से मिले वेद, संगीत, नृत्य व कलाओं के ज्ञान को अपनाने के कारण गणेश जी का उदर इन विद्याओं के भण्डारण से लंबा हो गया। इस कारण से भी वे लम्बोदर कहलाने लगे।
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भगवान गणेश जी के बड़े पेट होने का एक कारण यह भी माना जाता है कि वे हर अच्छी-बुरी, कटु व अप्रिय बात को पचा लेते हैं। इस प्रकार मनुष्यों को भी लम्बोदर होने की सीख मिलती है। सभी के जीवन में सदा कुछ न कुछ अच्छा बुरा घटता रहता है। ऐसे में हमारे अंदर उसे सहजता से सहने या कहें कि पचा लेने की क्षमता होनी चाहिए। गणेश जी का लम्बा उदर हमें यही सीख देता है। लम्बोदर होने से यह सीख भी मिलती है कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, घर-परिवार और आस-पड़ोस की बातों को अपने पेट में ही पचा लेना चाहिए। बातों को यहां-वहां नहीं फैलाना चाहिए। ऐसी आदत अपनाने से आप देखेंगे कि आपके जीवन की कई समस्याएं अपने आप ही खत्म होने लग जाएंगी। लोगों का भरोसा आपमें बढ़ने लगेगा। इसके अलावा गणेश जी के बड़े पेट को आनंद, खुशहाली और उदारता का प्रतीक भी माना जाता है।