(कांसेप्ट फोटो सौ. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र को बहुत महत्व दिया जाता है और इसमें ग्रहों के माध्यम से ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है। सूर्य और चंद्रमा भी ग्रह हैं और जब इन पर सूर्य ग्रहण पड़ता है तो वैज्ञानिक भाषा में इसे खगोलीय घटना कहा जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा और जीवन का कारक माना जाता है और चंद्रमा को मन और भावनाओं का कारक माना जाता है।
सूर्य और चंद्र ग्रहण का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। तो आइए जानते हैं 2025 में सूर्य ग्रहण कब लगेगा, चंद्र ग्रहण कब लगेगा और सूतक काल कब होगा।
भारत के अंतरिक्ष मंत्री ने कहा है कि शुरुआत में 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करेगा। और इसका नाम ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ होगा। गगनयान के सही विकास से भारत 2040 तक चंद्रमा पर लोगों को भेजने में सक्षम हो जाएगा। भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए ऐसी योजना विकसित की है। भारत सिर्फ आसमान की ऊंचाई मापने का काम नहीं कर रहा है। दरअसल ये समुद्र की गहराई भी माप सकता है। जितेंद्र सिंह का कहना है कि भारत समुद्र में 6,000 मीटर अंदर तक लोगों को भेजने पर भी काम कर रहा है.
बता दें कि नए साल 2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। और इनमें से पहला 29 मार्च को लगने वाला है। इसे बरमूडा, बारबाडोस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, पूर्वी कनाडा,उत्तरी ब्राजील, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और पूर्वी अमेरिका में देखा जा सकता है। इसके साथ ही भारत में ये ग्रहण दिखाई ना देने से इसका असर भी नहीं होगा और सूतक काल भी नहीं लगेगा।
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ये साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लग सकता है। इस ग्रहण को न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया में ही देखा जा सकेता है। इसका मतलब ये है कि दूसरे सूर्य ग्रहण को भी भारत में नहीं दिखेगा। और ना ही कोई दुष्प्रभाव पड़ेगा, सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण की बात करें तो 2025 में पहली बार ये ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। इसे ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और अंटार्कटिका में देख सकते है।
इसके साथ ही साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। और खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। और इसकी शुरुआत रात 9 बजकर 55 मिनट से होगी और इसका प्रभाव 8 सितंबर को सुबह 1 बजकर 30 तक रहेगा। ऐसे में सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे से पहले ही लगेगा। भारत के अलावा ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका पर भी दिखने वाला है।