64 योगिनी का महत्व (सौ. सोशल मीडिया)
Significance of Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का दौर चल रहा है जिसमें माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा हर दिन विधान के साथ की जाती है। मातारानी की पूजा भक्ति पूर्वक करने से श्रद्धालुओं के जीवन की परेशानियों का हल होता है। आपने 64 योगिनी मंदिरों के बारे में सुना होगा या देखा होगा, यह माता के रूप या देवियां नहीं बल्कि देवी शक्ति की अनंत धारा होता है।
माता के हर रूप या भाव कभी रौद्र, कभी सौम्य, तो कभी रहस्यमयी में कुछ ना कुछ अर्थ छिपा होता है। यहां पर 64 योगिनी शक्तियों की उत्पत्ति कैसे हुई इसके बारे में बताया गया है।
यहां पर शास्त्रों और देवी माता के ग्रंथों में 64 योगिनियों के बारे में उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार, जब महाशक्ति ने ब्रह्मांड की रचना की, तब उन्होंने अपने अंगों से 64 दिव्य शक्तियों को उत्पन्न किया। इन दिव्य शक्तियों को 64 योगिनियां कहते है। ये न केवल साधना में सहायक मानी गईं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के नियंत्रण और रहस्यमयी शक्तियों की अधिष्ठात्री भी बनीं. कहा जाता है कि इनकी पूजा करने वाला साधक भय से मुक्त होकर अद्भुत सिद्धियां प्राप्त कर सकता है। यहां पर 64 योगिनियों की बात की जाए तो, यह प्रतीक है कि योगिनियां अनंत और आकाश जैसी विराट ऊर्जा की प्रतीक हैं।कहा जाता है कि इन मंदिरों में साधना करने से साधक सीधे ब्रह्मांडीय शक्ति से जुड़ सकता है।
शास्त्रों में 64 योगिनियों के नाम अलग-अलग परंपराओं में थोड़ा भिन्न मिलते हैं, लेकिन योगिनी तंत्र और शक्तिसंगम तंत्र में वर्णित प्रमुख सूची इस प्रकार है-
इन योगिनियों की महिमा इतनी गुप्त और शक्तिशाली है कि इनके मंदिर भी साधारण नहीं हैं. अधिकतर 64 योगिनी मंदिर गोलाकार या अर्धगोलाकार बनाए गए हैं, जिनमें खुला आकाश दिखाई देता है वहीं पर पूजा भी शांत तरीके से की जाती है।