गणेश स्थापना में कौन सी गलतिया नहीं करना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया)
Ganesh Chaturthi Niyam 2025: 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत इस साल 27 अगस्त 2025 बुधवार से हो रही है। यह महापर्व हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के बाद मनाई जाती है। बता दें, 10 दिनों तक चलने वाले महापर्व गणेश चतुर्थी पूरे देशभर में बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
खासतौर पर, महाराष्ट्र और गुजरात में इस त्योहार की रौनक देखने लायक होती है। इस पर्व पर भक्त रिद्धि–सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
इस दिन गणपति के भक्त बप्पा को उनके प्रिय मोदक, लड्डू का भोग लगाकर प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं गणेश स्थापना और पूजा के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। ऐसे में आइए जानते है गणेश स्थापना और पूजा के दौरान कौन सी 7 गलतियों से बचना चाहिए।
किसी भी देवी देवता की पूजा करते समय टूटी-फूटी या अधूरी मूर्ति का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसी मूर्ति की पूजा करना अशुभ और दोषकारक माना गया है। अगर आप घर पर भगवान गणेश की स्थापना और पूजा करने जा रहे है तो इस बात का विशेष ख्याल रखें कि आपकी मूर्ति टूटी-फूटी न हो।
जिस प्रकार भगवान भोलेनाथ की पूजा दक्षिणावर्ती शंख का प्रयोग वर्जित माना गया है। ठीक वैसे ही गणेश पूजा में दक्षिणावर्ती शंख बजाना अशुभ माना गया है।
आपको बता दें, जिस प्रकार भगवान भोलेनाथ की पूजा तुलसी और केतकी के फूल चढ़ाना वर्जित माना गया है। ठीक वैसे ही गणेश जी को तुलसी दल और केतकी के फूल अर्पित करना वर्जित माना गया है। इसकी जगह उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और मोदक आदि चढ़ा सकते है।
मूर्ति को स्थापित करते समय सीधा फर्श या कहीं भी नहीं रखना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता। मूर्ति को हमेशा लकड़ी की चौकी, लाल या पीले वस्त्र पर स्थापित करना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गणेश स्थापना के समय हमें मूर्ति को हमेशा घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्थापित करनी चाहिए। कहते है ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बप्पा की कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है।
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गणेश स्थापना के साथ विसर्जन भी पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ करना चाहिए। बिना पूजा किए या जल्दबाजी में विसर्जन करना अशुभ माना जाता है।