काला कुत्ता वाहन क्यों है (सौ.सोशल मीडिया)
Kaal Bhairav Jayanti 2024: भगवान शिव के अनेकों रूप है जिसमें से ही काल भैरव उनका ही एक उग्र रुप है जिसकी पूजा की जाती है। काल भैरव और माता दुर्गा की कहानी भी आपने नवरात्र के समय सुनी होगी। ऐसा माना जाता है कि, काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के क्रोध के साथ हुई है यानि उनके रक्त से इसकी उत्पत्ति माना जाता है।
आज काल भैरव जयंती 22 नवंबर को हर साल मार्गशीर्ष या अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। आखिर क्या आपने सोचा है आखिर भगवान काल भैरव का वाहन कुत्ता ही क्यों है।
यहां पर जैसा कि, हम जानते है हर देवी-देवता के एक विशेष सवारी लेकर रहते हैं जहां पर उनका एक विशेष वाहन होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, काल भैरव जयंती पर जानें तो भगवान काल भैरव का वाहन कुत्ता है। दरअसल वे इस वाहन पर सवार नहीं होते है लेकिन उनके साथ हर समय वाहन के रूप में कुत्ता मौजूद रहता है।काल भैरव का स्वरूप उग्र है और कुत्ते को भी उग्र पशु के रूप में देखा जाता है। यहां पर कुत्ते को किसी प्रकार का डर नहीं होता है वह बेफ्रिक होकर वफादारी निभाता है लेकिन जब वह उग्र रूप ले लेता है और कोई हमला करें तो उम्र होकर हमला कर देता है।
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नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने की क्षमता
यहां पर काल भैरव के बारे में जानें तो, काल भैरव के वाहन कुत्ते की खासियत पर जाए तो, तेज बुद्धि, स्वामी के पूर्ण वफादार और रक्षा करने वाला एक पशु माना जाता है. कुत्तों को लेकर यह भी माना जाता है कि कुत्ते में बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा करने की क्षमता होती है। इसके अलावा यह भगवान काल भैरव के रक्षक औऱ संरक्षक के रूप में होता है इसे दुख नहीं पहुंचाना चाहिए। इतना ही इस वाहन रुपी कुत्ते को रोटी खिलाने से भगवान काल भैरव खुश होते है।