कन्या पूजन से जुड़े नियम (सौ.सोशल मीडिया)
Chaitra Navratri 2025: इस बार चैत्र नवरात्रि में 5 अप्रैल को अष्टमी और 6 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ रही है। जो लोग नौ दिनों का व्रत रखते हैं वे कन्या पूजन करके ही व्रत खोलते हैं। मान्यता है कि कन्या पूजन से घर में सुख, शांति और संपन्नता आती है। कन्या भोज के दौरान नौ कन्याओं का होना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही एक बालक का भी होना शुभ माना जाता है। कन्याओं को जो भी भोग परोसे उसको सबसे पहले देवी को अर्पित करें। आइए जानते हैं कन्या पूजन से जुड़े नियम :
ऐसे करें कन्या पूजन
कन्या पूजन करने के लिए सबसे पहले कन्याओं के पैर धुलाएं। इसके बाद उनको आसन पर विराजमान करें। उनके माथे पर तिलक और अक्षत लगाएं। इसके साथ ही उनको प्रसाद में हलवा, पूड़ी, चने और खीर खिलाएं। कन्याओं को दान , धन, वस्त्र या कोई उपयोगी वस्तु दें और उनके पैर छूकर गलतियां की क्षमा मांगते हुए उनको घर से विदा करें।
कन्या पूजन के दौरान ये उपाय
विवाह में देरी – अगर विवाह में देरी हो रही हो तो पांच साल की कन्या को भोजन कराकर उसे श्रृंगार का सामान भेंट करें।
धन संबंधी समस्या- धन की कमी से परेशान हैं तो चार साल की कन्या को खीर खिलाएं। इसके बाद उन्हें पीले वस्त्र और दक्षिणा दें।
काम में रुकावट- अगर काम में रुकावटें आ रही हैं तो नौ साल की तीन कन्याओं को भोजन की सामग्री और कपड़े दान में दें।
पारिवारिक क्लेश- घर में क्लेश रहता है तो तीन और 10 साल की कन्याओं को मिठाई खिलाएं।
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बेरोजगारी- अगर आप बेरोजगारी से परेशान हैं तो 6 साल की कन्या को छाता और कपड़े भेंट करें।
सभी समस्याओं का होगा निवारण
हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए 10 साल तक की कन्याओं को भोजन सामग्री, दूध, पानी और फलों का रस भेंट करें। इसके साथ ही उन्हें ब्यूटी प्रोडक्ट भी भेंट करें।