गुप्त नवरात्रि में करें ये खास उपाय ( सौ.सोशल मीडिया)
26 जून 2025 गुरुवार से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही हैं और 04 जुलाई तक चलेगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम, श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें, सालभर में कुल चार बार नवरात्रि आती है। इनमें से दो को ‘प्रकट नवरात्रि’ और दो को ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है।
प्रकट नवरात्रियों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना और 10 महाविद्याओं की उपासना के लिए जानी जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से साधकों और तांत्रिक साधनाओं से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। ऐसे में गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ उपाय करने से जातक को विशेष लाभ मिल सकता है।
ज्योतिषयों के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में शनिवार के दिन काली हल्दी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। काली हल्दी पर सिंदूर लगाकर उसे लाल कपड़े में बांधें और अपने घर की तिजोरी या धन रखने के स्थान पर स्थापित करें। यह उपाय आर्थिक संकट को दूर करता है और शत्रु बाधा से भी रक्षा करता है।
ज्योतिषयों का कहना है कि, गुप्त नवरात्रि के दौरान शीघ्र विवाह और संतान प्राप्ति के लिए भी उपाय करना शुभ होता है। यदि विवाह में देरी हो रही है या संतान प्राप्ति में बाधा है, तो एक नींबू में चार लौंग लगाकर देवी दुर्गा के सामने रखें।
फिर ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद इस नींबू को गुप्त रूप से किसी चौराहे पर फेंक दें। यह उपाय मनोकामना पूर्ति के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
ग्रह दोष व वास्तु दोष मुक्ति के लिए भी गुप्त नवरात्रि में उपाय कर सकते है। अगर कुंडली में ग्रह दोष हो या बार-बार जीवन में असफलता मिल रही हो, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन शिवलिंग पर लाल चंदन और गंगाजल अर्पित करें। यह उपाय नकारात्मक ग्रह प्रभाव को शांत करता है और वास्तु दोष भी कम करता है।
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गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यापार में उन्नति और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए एक पीपल के पत्ते पर ‘राम’ नाम लिखें और उस पर कुछ मीठा (गुड़ या मिठाई) रखकर किसी हनुमान मंदिर में अर्पित करें। यह उपाय विशेष रूप से व्यापार में उन्नति और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए अत्यंत कारगर माना जाता है।
जो लोग ऋण, कोर्ट-कचहरी के मामले या पारिवारिक विवाद से परेशान हैं, वे इन नौ दिनों में प्रतिदिन ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करें। इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।