मनाई जाती है। आइए जानते हैं वैशाख महीने के व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट : वैशाख माह के व्रत-त्योहार ( सौ.सोशल मीडिया)
Vaishakh Month 2025 Festivals List: 13 अप्रैल 2025 से वैशाख महीना शुरू हो गया है और 12 मई 2025 को समाप्त होगा। ज्योतिषयों के अनुसार, वैशाख माह सबसे पवित्र और शुभ महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि वैशाख मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते है। इसे जगत के पालनहार भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है।
इस महीने को धन और पुण्य प्राप्ति के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। वैशाख महीने में प्रमुख तौर पर भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। वैशाख महीने में तुलसी के पौधे और पीपल के पड़े की पूजा करना भी बहुत फलदायी एवं पुण्यदाई होता है। साथ ही इस महीने में गरीबों को भोजन-पानी, सत्तू, शीतल पेय, कपड़े, जूते आदि का दान करना बेहद पुण्यदायी होता है।
आपको बता दें, वैशाख महीने व्रत त्योहार के लिहाज से भी बड़ा ख़ास होता है। वैशाख महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार भी पड़ते है। इस महीने में अक्षय तृतीया जैसा महापर्व आता है। इसके अलावा, सीता नवमी, बुद्ध जयंती और भगवान नरसिंह जयंती भी वैशाख महीने में ही मनाई जाती है। आइए जानते हैं वैशाख महीने के व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट :
वैशाख माह के व्रत-त्योहार
13 अप्रैल 2025- वैशाख माह की शुरुआत
14 अप्रैल 2025- मेष संक्रांति
16 अप्रैल 2025- संकष्टी चतुर्थी
24 अप्रैल 2025- वरुथिनी एकादशी
25 अप्रैल 2025- प्रदोष व्रत (कृष्ण)
26 अप्रैल 2025- मासिक शिवरात्रि
27 अप्रैल 2025- वैशाख अमावस्या
30 अप्रैल 2025- अक्षय तृतीया
1 मई 2025- विनायक चतुर्थी
3 मई 2025- गंगा सप्तमी
5 मई 2025- सीता नवमी
8 मई 2025- मोहिनी एकादशी
9 मई 2025- प्रदोष व्रत
11 मई 2025- नरसिंह जयंती
12 मई 2025- बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा व्रत
13 मई 2025- नारद जयंती, ज्येष्ठा माह शुरू
वैशाख महीने में क्या करें क्या नहीं जानिए
मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास में किए गए पुण्य विशेषकर दान का अक्षय फल प्राप्त होता है। बता दें, इस महीने में विवाह, मुंडन, जनेऊ जैसे शुभ काम करना होता है।
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इस महीने जरूरतमंदों को जल, घड़े, चरु, मिट्टी के बर्तन, सत्तू, शरबत, खीरा, खरबूज, तरबूज, छाता, जूते, चप्पल का दान करना अच्छा माना जाता है।
इस महीने जल को बर्बाद ना करें। इस महीने में मां लक्ष्मी की पूजा रूर करें।
विष्णु सहस्त्रनाम और विष्णु चालीसा का पाठ करें और तुलसी में जल जरूर अर्पित करें।