भगवान गणेश (सौ.सोशल मीडिया)
गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिनों के गणेशोत्सव की शुरुआत जहां पर हो गई हैं वहीं पर घरों और पंडालों में गणपति जी स्थापित हो गए है। इस दौरान श्रीगणेशजी की पूजा का विधान होता हैं तो वहीं पर इस दौरान कई नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। अगर हम भूलकर ऐसा काम करते हैं तो भगवान रूष्ट हो जाते हैं जिनका ख्य़ाल रखना जरूरी है। इन नियमों में ही कई बार ऐसा होता है किसी कारणवश हमें घर से जाना पड़ जाता हैं तो इस दौरान हमें कैसे बप्पा का ख्याल रखना चाहिए या नियम क्या होते हैं जानते है…
यहां पर नियम के मुताबिक, गणेशजी की स्थापना हम कर लेते हैं लेकिन इस दौरान कहा जाता हैं कि, गणपति जी अतिथि की तरह होते है जिनकी पूजा नियम से करना जरूरी होता है। इस दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को बिना देखरेख के नहीं छोड़ना चाहिए और किसी न किसी को भगवान के साथ रहना चाहिए। भगवान गणेश की मूर्ति को कभी भी आरती और पूजा के बिना पानी में विसर्जित न करें।
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आपको बताते चलें कि, सुबह और शाम को मूर्ति की पूजा फूल, दूर्वा (छोटी घास की लटें), करंजी और मोदक (चावल के आटे की पकौड़ी में लपेटे गए गुड़ और नारियल के टुकड़े) चढ़ाकर की जाती है। पूजा गणेश, अन्य देवताओं और संतों के सम्मान में आरती के गायन के साथ समाप्त होती है।
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गणेश जी अगर घर में स्थापित हैं तो आपको इन बातों का ख्याल भी रखना चाहिए
-माना जाता है कि गणेश जी की पीठ में दरिद्रता का वास होता है। ऐसे में उनकी पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए।
-पुराणों के अनुसार, गणेश जी को तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए। इसे वर्जित बताया गया है।
इस दौरान घर में किसी प्रकार का शराब, धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
इन नियमों को ध्यान में रखकर ही घर में गणपति स्थापित करना चाहिए नहीं तो बुरा प्रभाव पड़ता है और भगवान जी अप्रसन्न होते है।