भौम प्रदोष व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
देवअधिदेव शिव का प्रिय महीना सावन शुरू होने वाला हैं। सावन से पहले महादेव को प्रसन्न करने का खास अवसर पड़ रहा है यानी त्रयोदशी तिथि प्रदोष व्रत। जो इस बार 08 जुलाई 2025 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत पर मंगलवार का संयोग बन रहा है इसलिए ये भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा।
ज्योतिष बताते है कि, शिवजी को खुश करने के लिए भोलेनाथ के भक्तों को यह व्रत जरूर रखना चाहिए। मान्यता है इस व्रत से भक्तों के सभी कष्ट दूर कर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं प्रदोष और मंगलवार का महासंयोग जीवन में क्या फल देता है आइए जानते हैं?
भौम प्रदोष व्रत 8 जुलाई 2025 को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में शिव पूजन का महत्व बताया गया है। कहते हैं इस दौरान शिव जी प्रसन्न होकर कैलाश पर नृत्य करते हैं और जो कोई उनकी आराधना करता है उसकी मनोकामना जल्द सिद्ध हो जाती है।
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि शुरू – 7 जुलाई 2025, रात 11.10
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त – 9 जुलाई 2025, प्रात: 12.38
भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त – रात 07:23 – रात 09:24
सोना का खोना और इसका मिलना दोनों क्यों है अशुभ, जानिए क्या बोलता है ज्योतिष
सनातन धर्म में भौम प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व हैं। मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता हैं। शास्त्रों में इस दिन को कर्ज उतारने के लिए बड़ा ही श्रेष्ठ माना जाता हैं। पुराणों में बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसके समस्त समस्याओं का हल निकलता हैं।