(सौजन्य सोशल मीडिया)
व्यक्ति के जीवन में वास्तु और ज्योतिष दोनों का ही अपना एक विशेष महत्व है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, शास्त्रों के नियमों को नहीं जानने से कई बार हम घरों में ऐसी गलतियां कर रहे होते हैं, जो हमारी तरक्की में बाधा बन रही होती हैं। हमें इसके बारे में पता तक चल नहीं पाता। एक ऐसी ही आदत है, नए कपड़े व आभूषणों को लेकर।
शॉपिंग करना कुछ लोगों का शौक और शगल होता है। रोज नए-नए ड्रेसेज खरीदना और पहनना किसे अच्छा नहीं लगता। लेकिन, अगर ज्योतिष की बात करें तो, यहां खास कामकाज के लिए खास दिन निर्धारित किए गए हैं। इसी तरह नए कपड़ों की खरीदारी और नए कपड़ों को पहनने के लिए भी कुछ शुभ और कुछ अशुभ दिन बताए गए हैं। आइए जानें कौन से दिन को कपड़े खरीदने चाहिए और कौन से दिन उन्हें पहनना चाहिए।
सोमवार
ज्योतिषियों के अनुसार, सोमवार को नए वस्त्र पहनने चाहिए। इस दिन नए कपड़े पहनने पर शांति, सौम्यता और सकारात्मकता बढ़ती है।
गुरूवार
गुरुवार का दिन शास्त्रों में गुरु का दिन कहा जाता है। इस दिन पर नये कपड़े पहनना या खरीदना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन नए कपड़े पहनने से बुद्धि कुशाग्र होती है और ज्ञान बढ़ता है। इस दिन नए कपड़े पहनने से जातक को गुरू का लाभ भी मिलता है।
शुक्रवार
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन नए कपड़े पहनना शुभ होता है। इस दिन नए कपड़े पहनने से पुराने मित्र और रिश्तेदारों से मुलाकात के योग बनते हैं। साथ ही, रिश्तेदारों से रिश्ते मधुर होते हैं।
बुधवार
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन नए कपड़े पहनना या खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन नए वस्त्र धारण करने से कई क्षेत्रों में शुभ परिणाम मिलते हैं। बुधवार को ऑफिस, स्कूल या बिजनेस से जुड़ी नई यूनिफॉर्म पहनना भी शुभकारी होता है और इस क्षेत्र में शुभ परिणाम निकलते हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार मंगलवार के दिन नए कपड़े नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि मंगलवार को मंगल ग्रह के असर के चलते नए कपड़े पहनने से क्रोध बढ़ता है और व्यर्थ के विवाद की आशंका जन्म लेती है।
शनिवार
इस दिन शनि देव की पूजा का विधान है। ज्योतिष-शास्त्रों के अनुसार शनिवार को नए कपड़े नहीं पहनने की सलाह दी जाती है। शनिवार को नया कपड़ा पहनने से जातक को व्यर्थ की मुश्किलें सहन करनी पड़ती हैं।
रविवार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को भी नए कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों में कहा गया है कि इससे रोग और दोष की आशंका बढ़ जाती है और धन हानि भी हो सकती है।
लेखिका- सीमा कुमारी