कोटा में बेटे का ऑपरेशन कराने गए पिता की सर्जरी कर डाली (सोर्स - सोशल मीडिया)
कोटा: राजस्थान के कोटा मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी अस्पतालों की लापरवाह व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां एक व्यक्ति अपने बेटे का इलाज कराने आया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसी की सर्जरी कर डाली। ऑपरेशन थियेटर के बाहर बैठे अटेंडेंट ने सिर्फ अपना नाम सुनकर हाथ उठाया और डॉक्टरों ने बिना कोई पुष्टि किए उसे बेहोश कर दिया और ऑपरेशन शुरू कर दिया। जब तक गलती का एहसास हुआ, उसके हाथ में चीरा लगाया जा चुका था। बाद में टांके लगाकर उसे बाहर बैठा दिया गया।
यह मामला कोटा के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का है, जहां कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक मरीज जगदीश की सर्जरी होनी थी। लेकिन नाम की समानता के चलते डॉक्टरों ने एक और जगदीश को, जो अटेंडेंट था, ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर फिस्टुला बनाने की तैयारी शुरू कर दी। नाम पुकारे जाने पर उसने हाथ उठाया और इसी आधार पर उसे अंदर बुला लिया गया। आईडी जांच की बजाय केवल नाम पूछने पर भरोसा करना इतना बड़ा कदम बन जाएगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं था।
मामले को दबाने की कोशिश
जब गलती का पता चला तो डॉक्टरों ने बिना पूरी प्रक्रिया किए टांके लगा दिए और व्यक्ति को बाहर भेज दिया गया। मरीज के परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इस पूरे मामले को छुपाने की कोशिश की और शिकायत दर्ज होने के बाद ही यह मामला सामने आया।
जांच कमेटी का गठन
घटना उजागर होने के बाद मेडिकल कॉलेज की ओर से जांच कमेटी बना दी गई है। हालांकि विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों ने घटना को नकारा है, लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि पूरे मामले की रिपोर्ट और साक्ष्य अब प्रशासन के पास मौजूद हैं और उन्हें कार्रवाई की उम्मीद है।
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यह घटना न सिर्फ एक गंभीर लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में किस तरह छोटी सी चूक किसी के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।