SMS अग्निकांड की दर्दनाक सच्चाई परिजनों ने बताई (फोटो- सोशल मीडिया)
Jaipur SMS Hospital fire tragedy: जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में रविवार की रात कयामत बनकर आई। रात करीब 11:20 बजे ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू से उठा एक छोटा सा धुआं देखते ही देखते आठ जिंदगियों को निगल गया। जिन मशीनों के सहारे मरीज जिंदगी की जंग लड़ रहे थे, वही आग लगने के बाद जहरीला धुआं उगलने लगीं। कुछ ही मिनटों में पूरा आईसीयू धुएं और चीख-पुकार से भर गया। यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही की एक दर्दनाक कहानी बयां कर रहा है।
भरतपुर के रहने वाले शेरू की मां उसी आईसीयू में भर्ती थीं। कांपती हुई आवाज में वह बताते हैं, “आग लगने से 20 मिनट पहले ही धुआं उठना शुरू हो गया था। हमने स्टाफ को बताया, लेकिन किसी ने हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया।” शेरू ने बताया कि जब प्लास्टिक की ट्यूब पिघलने लगी तो वहां मौजूद वार्ड बॉय भी भाग गए, जिसके बाद उन्होंने खुद अपनी मां को किसी तरह बाहर निकाला। इस भयावह मंजर के बीच कई परिवार अपने मरीजों को बचाने के लिए खुद ही धुएं में कूद पड़े।
#WATCH | SMS Hospital fire, Jaipur | “… The ICU caught fire. There was no equipment to extinguish it. There were no cylinders or even water to douse the fire. There were no facilities. My mother passed away…,” says a person who lost a family member in the fire at Jaipur’s… pic.twitter.com/BCV2Sa9jMT — ANI (@ANI) October 6, 2025
घटना की सूचना मिलते ही फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। फायरकर्मी अवधेश पांडे के अनुसार, पूरा वार्ड धुएं से इस कदर भर चुका था कि अंदर जाना नामुमकिन था। टीम को बिल्डिंग का कांच तोड़कर आग पर काबू पाना पड़ा, जिसमें डेढ़ घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया। ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन जहरीली गैस के कारण वे अंदर नहीं रह सके। इस हादसे में आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से छह की जान नहीं बचाई जा सकी।
#WATCH | SMS Hospital fire, Jaipur | “… It was my aunt’s son. He was 25 years old and named Pintu… When smoke came out at 11.20 pm, we had informed the doctors that the patients might have problems. Then gradually the smoke increased. As the smoke increased, the doctors and… pic.twitter.com/sR3OuQ79Ku — ANI (@ANI) October 6, 2025
यह भी पढ़ें: ‘…ये अलग धर्म के लोग’, सर्वे के बीच सिद्धारमैया का बड़ा बयान; कर्नाटक की राजनीति में उबाल
इस दर्दनाक हादसे के बाद अस्पताल के बाहर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने आरोप लगाया कि अगर स्टाफ ने 20 मिनट पहले दी गई सूचना पर ध्यान दिया होता, तो शायद उनके अपने आज जिंदा होते। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद अस्पताल पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इसे बड़ी लापरवाही बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सरकार ने मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो आग लगने के कारणों और सुरक्षा में हुई चूक की जांच करेगी।