झुंझुनू में सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ (फोटो- सोशल मीडिया)
झुंझुनू: राजस्थान के झुंझुनू में एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसने क्रिकेट के मौजूदा सीजन में भारी रकम की हेराफेरी को उजागर कर दिया है। पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक मकान से 10 लाख से ज्यादा नकद, 29 मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी, रजिस्टर और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं। इनसे करीब 3 करोड़ रुपये की सट्टेबाजी का रिकॉर्ड सामने आया है। आरोपी ‘जूम ऐप’ और वाईफाई के जरिए यह नेटवर्क चला रहे थे, जिससे यह मामला केवल एक ठिकाने तक सीमित न रहकर बड़े डिजिटल जाल से जुड़ा दिखाई दे रहा है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चूरू और झुंझुनू जिले से हुई है, जिनमें से दो के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक पर हत्या के प्रयास और दूसरे पर मारपीट व छेड़छाड़ के केस दर्ज हैं। पुलिस को इस नेटवर्क के संचालन में तकनीकी तरीके अपनाने की पुष्टि भी हुई है, जिससे यह मामला सामान्य सट्टेबाजी से कहीं ज्यादा संगठित और गहराई तक फैला हुआ प्रतीत हो रहा है।
सट्टेबाजी में तकनीक का इस्तेमाल, ‘जूम ऐप’ बना जरिया
आरोपी ऑनलाइन सट्टेबाजी को छिपाने के लिए ‘जूम ऐप’ का इस्तेमाल कर रहे थे। ये सभी गतिविधियां वाईफाई राउटर के जरिए संचालित होती थीं ताकि सिग्नल ट्रेस करना मुश्किल हो। छापेमारी के समय टीवी पर लाइव मैच चल रहा था और स्पीकर पर सट्टे के भाव घोषित किए जा रहे थे। जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से यह भी सामने आया कि सट्टेबाजी का यह नेटवर्क सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि डिजिटल तरीके से राज्य और शायद देश के अन्य हिस्सों तक फैला हुआ है।
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संगठित गिरोह, करोड़ों का लेनदेन और पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
तीनों आरोपियों पर जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे जब्त दस्तावेजों से करीब 3 करोड़ रुपये के सट्टे का लेखा-जोखा मिला है। जांच में खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी पहले हत्या के प्रयास के केस में आरोपी रह चुका है, जबकि दूसरा व्यक्ति जयपुर में 2014 में हुए एक विवाद में नामजद था। तीसरे आरोपी का अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। पुलिस अब इनकी संलिप्तता और नेटवर्क के अन्य हिस्सों की गहन जांच कर रही है।