राज्यसभा चुनाव के लिए AAP ने उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार बनाया (फोटो- सोशल मीडिया)
AAP Rajya Sabha Candidate From Panjab: आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सियासत में एक और बड़ा फैसला लेते हुए राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। अटकलों को खारिज करते हुए पार्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह, प्रदेश के दिग्गज उद्योगपति और ट्राइडेंट ग्रुप के संस्थापक राजिंदर गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह फैसला पंजाब की राजनीति में उद्योग और सियासत के गठजोड़ की एक नई कहानी लिखता है, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। राजिंदर गुप्ता जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
पंजाब की 117 सीटों वाली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास 93 विधायक हैं, जिसके चलते राजिंदर गुप्ता की जीत लगभग तय मानी जा रही है। राज्यसभा सीट जीतने के लिए केवल 60 वोटों की आवश्यकता है, ऐसे में यह राह उनके लिए बेहद आसान है। यह सीट सांसद संजीव अरोड़ा के लुधियाना पश्चिम से विधानसभा उपचुनाव जीतने और मंत्री बनने के बाद उनके इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। इस सीट के लिए मतदान और मतगणना 24 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
राजिंदर गुप्ता का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं है। एक साधारण परिवार में जन्मे गुप्ता ने नौवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और एक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। कई वर्षों तक छोटे-मोटे काम करने के बाद, उन्होंने 1985 में 6.5 करोड़ रुपये का निवेश करके ‘अभिषेक इंडस्ट्रीज’ नाम से एक उर्वरक फैक्ट्री शुरू की। यही कंपनी आगे चलकर एक बिलियन डॉलर के विशाल ट्राइडेंट ग्रुप में बदल गई। फोर्ब्स के अनुसार, आज वह 1.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं और उनकी कंपनी के उत्पाद 150 से अधिक देशों में निर्यात होते हैं।
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यह पहला मौका नहीं है जब राजिंदर गुप्ता सियासत से जुड़ रहे हैं। इससे पहले वह अकाली दल-बीजेपी सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। हाल ही में, वह पंजाब योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष थे, जिस पद से उन्होंने उम्मीदवार घोषित होने से ठीक एक दिन पहले इस्तीफा दे दिया था। आम आदमी पार्टी द्वारा उद्योगपतियों को राज्यसभा भेजने की यह रणनीति नई नहीं है। इससे पहले भी संजीव अरोड़ा जैसे व्यवसायी को पार्टी ने उच्च सदन भेजा था। यह कदम उद्योग और राजनीति के बीच संतुलन साधने की AAP की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।