बिहार मतदाता सूचि (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
Bihar SIR Election Process : बिहार में चुनाव का महासंग्राम होने वाला है। ऐसे में हर दिन चुनावी रणनीति के तहत कुछ न कुछ नया हो ही रहा है। पक्ष और विपक्ष अपने- अपने तरीके से चुनाव को लेकर मशगूल हैं। नए-नए सवाल-जवाब के जरिए जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हैं। हाल के दिनों में राज्य में एसआईआर प्रक्रिया भी जोरों पर है।
पक्ष और विपक्ष दोनों समय-समय पर इस सिलसिले में कोई न कोई हंगामा कर ही रहे हैं। हाल के दिनों में विपक्ष लगातार वोटर आईडी के सिलसिले में हल्ला कर तबाही तो मचा रहा, लेकिन जब बारी आई मतदाता सूचि में त्रुटियों को लेकर आपत्ति जताने की तो सभी एक साथ शांत पड़ गए। चुनाव आयोग ने अपने दैनिक बुलिटेन में इसकी जानकारी दी है।
चुनाव आयोग के अनुसार वोटर लिस्ट की विशेष जांच के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग-अलग 1.6 लाख से अधिक बीएलए नियुक्त किए थे। जिसमें बीजेपी के 53,338, वहीं सहयोगी पार्टी जदयू के 36,550, विपक्षी दलों में राजद ने 47,506 और कांग्रेस ने 17, 549 बीएलए नियुक्त किए थे।
चुनाव आयोग बार-बार यह सख्त निर्देश दे रहा है कि इस मतदाता सूचि प्रक्रिया में कोई भी योग्य मतदाता छूटे ना और अयोग्य जबरदस्ती का शामिल न किया जाए। एक अगस्त तक आयोग ने बिहार की प्रारूप मतदाता सूचि जारी की और लोगों को अपने वोटर आईडी की त्रुटियों को दूर करने के लिए आपत्ति दर्ज कराने की सहमति दी।
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अविश्वसनीय यह रहा कि जो भी राजनीतिक दल इस मामले में हो-हंगामा मचाए हुए थे आज जब आपत्ति दर्ज करने की बात आई तो सभी शांत पड़ गए। जानकारी के मुताबिक ‘भारत निर्वाचन आयोग’ भारत के संविधान और कानून के तहत बिहार राज्य के मतदाता सूचियों का पुर्नपर्रीक्षण कर रहा है। लोगों को पूरी जानकारी देने के लिए लगातार विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।
बिहार देश का एक ऐसा पहला प्रदेश बनकर उभर रहा है, जहां प्रत्येक बूथ की अधिकतम संख्या 1200 तय की गई है, जिससे लोगों की लंबी कतार से बचा जा सके। यहां मतदान केंद्रों की संख्या 77895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई है। वहीं बीएलओ की संख्या भी 77895 से बढ़ाकर 90, 712 कर दी गई है।