बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा, फोटो - सोशल मीडिया
जयपुर : राजस्थान के अलवर जिले में रामनवमी के अवसर पर आयोजित एक राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे कांग्रेस के दलित नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टिकाराम जूली के दर्शन के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व विधायक और भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने टिकाराम जूली के मंदिर में आने को लेकर तीखी आपत्ति जताते हुए मंदिर में गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने आरोप लगाया कि जूली सनातन और हिंदुत्व विरोधी हैं और उन्हें राम मंदिर के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्हें अपनी नाक काटकर पानी में डुबो देनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले दिन जाकर मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करेंगे क्योंकि वहां अपवित्र चरण पड़े थे।”
बीते दिन सोमवार को ज्ञानदेव आहूजा वाकई मंदिर पहुंचे और गंगाजल का छिड़काव किया। उन्होंने मीडिया से कहा, “मंदिर में कोई विसंगति थी क्योंकि जो लोग भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हैं, उन्हें वहां बुलाया गया था। ये लोग पापी हैं, राक्षसी प्रवृत्ति के हैं।”
इस बयान और कार्यवाही पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए टिकाराम जूली ने कहा, “भाजपा नेता का यह बयान उनकी दलित विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। यह सिर्फ मेरे व्यक्तिगत विश्वास पर हमला नहीं है, बल्कि अस्पृश्यता जैसे अपराध को बढ़ावा देने वाला बयान है।” उन्होंने सवाल उठाया, “क्या भाजपा को दलितों से इतनी नफरत है कि वे पूजा करते हुए भी नहीं देख सकते? क्या भगवान सिर्फ भाजपा नेताओं के हैं?” टिकाराम जूली ने यह भी कहा कि वे लगातार दलितों की आवाज विधानसभा में उठाते रहे हैं और अब इस मामले को लेकर जिला स्तर पर कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह घटना भाजपा की संकीर्ण सोच को दर्शाती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ इस शर्मनाक बयान से सहमत हैं? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा के दिल में दलितों के लिए नफरत, ईर्ष्या और घृणा भरी हुई है। यह व्यवहार 21वीं सदी के एक सभ्य समाज में अस्वीकार्य है।
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हालांकि, इस पूरे प्रकरण में भाजपा ने अपने नेता से दूरी बना ली है। पार्टी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि भाजपा ऐसी मानसिकता में विश्वास नहीं रखती। यह ज्ञानदेव आहूजा की निजी राय है, पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है।