World Saree Day:भारतीय संस्कृति में साड़ी का महत्व होता है यह पारंपरिक परिधान में से एक है। भारतीय महिलाओं के सौंदर्य और पहचान के लिए साड़ी को गिना जाता है। हर साल 21 दिसंबर को विश्व साड़ी दिवस के रूप में मनाते है। साड़ियों के बीच कुछ साड़ियां ऐसी भी है जिसे खरीद पाना किसी के लिए आसान नहीं ब्रांड होने की वजह से इन साड़ियों की कीमत लाखों में गिनी जाती है।
कांचीपुरम साड़ी- भारत की सबसे महंगी साड़ियों की लिस्ट में तमिलनाडु की इस साड़ी का नाम आता है। यह साड़ी खास तौर पर बेहतरीन सिल्क और शानदार कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं। अगर इस साड़ी में सोने और चांदी के धागे से कढ़ाई करते हैं तो लाखों की कीमत होती है।
बनारसी साड़ी- उत्तरप्रदेश के वाराणसी में बनारसी साड़ियों की अलग ही पहचान होती है। इन्हें बनाने में रेशमी धागे और सोने-चांदी की तारों का इस्तेमाल किया जाता है. इस साड़ी को पहनकर एकदम रॉयल लुक मिलता है। इसकी कीमत भी कार की गाड़ियों की कीमत की तरह होती है यानि 5 लाख रूपए के करीब होती है।
पाटन पटोला साड़ी- गुजरात की खास साड़ी में इसका नाम आता है। पाटन पटोला साड़ी की बात करें तो, . ये साड़ी डबल इकत तकनीक से बनाई जाती है। इस साड़ी की खासियत यह है कि,6गज की इस साड़ी के लिए ताने-बाने के धागों पर टाई-डाइड डिज़ाइन तैयार करने में 3 से 4 महीने का समय लग जाता है. इसकी कीमत 2 से 10 लाख रुपए तक होती है।
जरदोज़ी वर्क साड़ी-भारत की सबसे महंगी साड़ियों में इसका नाम भी आता है एक तरह की हाथ से की गई एंब्रायडरी होती है, जिसमें सोने और चांदी के धागों से कढ़ाई की जाती है. इसमें बीड्स, सेक्विन्स और स्टोन्स का इस्तेमाल भी होता है। इन साड़ियों को सामान्य दिनों नहीं बल्कि खास दिनों के लिए तैयार करते है।
मूंगा सिल्क साड़ी- यहां पर इस साड़ी का नाता असम से जुड़ा हुआ है। इस साड़ी को खूबसूरत असामी मोटिफ्स से सजाया जाता है. बता दें कियह साड़ी पीले और गोल्डन चमकीले टेक्सचर में आती हैं। इसकी कीमत की बात की जाए तो, बाजार में ये साड़ी 2 हजार रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक जाती है।