दुनियाभर में बाल विवाह को खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं। इराक में हाल ही में प्रस्तावित एक कानून के अनुसार लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल कर दी गई है।
इस कानून ने दुनिया भर में सनसनी फैला दी है और महिला अधिकारों के कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों में रोष पैदा किया है। विवादित कानून के पास होने के बाद यहां लड़की की शादी 9 साल की उम्र में ही की जा सकती है।
यदि यहां ये कानून पास हो जाता है तो न केवल विवाह की उम्र कम हो जाएगी बल्कि महिलाओं के लिए तलाक, बच्चों की कस्टडी और प्रॉपर्टी जैसे खास अधिकार भी प्रतिबंधित हो जाएंगे।
इसके साथ ही महिलाओं के तलाक के अधिकारों को भी सीमित किया जा सकता है। ये कानून इराक में महिलाओं के अधिकारों में एक बड़ा उलटफेर लाने वाला है। इस कानून के पास होने के बाद इराक में महिलाओं के कई अधिकार छिन जाएंगे। जिसमें तलाक और बच्चों की कस्टडी जैसे अधिकार शामिल हैं।
9 साल की उम्र में शादी करना बाल विवाह के दायरे में आता है। बाल विवाह एक गंभीर अपराध है और यह लड़कियों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रभावित करता है।
यह कानून महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है। महिलाओं को अपनी पसंद से शादी करने का अधिकार होना चाहिए और उन्हें तलाक लेने का भी अधिकार होना चाहिए।
यह कानून अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का उल्लंघन करता है। संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन बाल विवाह के खिलाफ हैं। 9 साल की उम्र में शादी करने वाली लड़कियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इसके बाद लड़कियों की पढ़ाई छूट जाती है और वे जीवन भर गरीबी में रहने को मजबूर हो जाती हैं। साथ ही बाल विवाह से समाज में कई तरह की सामाजिक समस्याएं पैदा होती हैं जैसे कि घरेलू हिंसा, बाल श्रम।