Mango Name History: गर्मी का मौसम जहां पर चल रहा है वहीं पर इस मौसम में हर तरबूज, खरबूज के साथ सबसे फेवरेट फ्रूट आम की भरमार देखने के लिए मिलती है। आम का नाम आते ही किसी में मुंह में पानी आ जाए ऐसा हो नहीं सकता है। ऐसे तो आम के कोई भी प्रकार अपने आम में खास है लेकिन क्या आप इनके नामों की हिस्ट्री जानते हैं., अगर नहीं तो चलिए जान लेते है...
चौसा आम- यह आम खासतौर पर उत्तरप्रदेश के बागपत और सहारनपुर क्षेत्र में बहुत अधिक प्रसिद्ध माना गया है। इन नाम को लेकर इतिहास में बताते है कि, शेर शाह सूरी द्वारा 1539 में हुमायूं पर चौसा (बिहार) जीत हासिल की गई थी। इसके बाद से यहां के आमों का नाम चौसा पड़ गया है। यह मीठा और रसीला लगता है।
अल्फांसो आम- इस आम की खासियत सबसे अधिक महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र रत्नागिरी और देवगढ़ में पाई जाती है। इस नाम के पीछे के इतिहास की बात करें तो, 16वीं शताब्दी में आए पुर्तगाली जनरल और खोजकर्ता अल्फोंसो डी अल्बुकर्क के नाम पर इस आम का नाम रखा गया था। यह आम को महाराष्ट्र में हापुस आम भी कहते है। यह आम स्वाद में बेजोड़, सुगंधित और मक्खन जैसा मुलायम होता है।
तोतापरी आम- इस आम का नाम इसकी बनावट की वजह से है जो देखने में किसी पक्षी की चोंच की तरह नजर आता है। इस आम की सबसे अधिक खासियत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में पाई जाती है। इस आम के स्वाद की बात की जाए तो, यह थोड़ा कम मीठा होता है, लेकिन इसकी खुशबू और लंबा आकार इसे खास बनाता है।
दशहरी आम- इस आम की बात की जाए तो, यह आम मीठे गूदे, पतले छिलके और अद्भुत सुगंध के लिए जाना जाता है। यह दशहरी आम पेड़ से तोड़ने के बाद भी पकता है। इसके नाम को लेकर कहते है कि, इस आम की पहली कलम दशहरी गांव के एक बाग में लगी थी। इस आम का नाता उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद गांव से मानी जाती है।
सिंदूरी आम - इस आम के सिंदूरी होने का कारण इसके रंग को लेकर है। इस आम का नाम इसके गहरे लाल रंग से प्रेरित है, जो सिंदूर की तरह दिखाई देता है। उत्तरप्रदेश से इस आम का नाता है तो वहीं पर इसके रंग-रूप के कारण शादी-विवाह और त्योहारों में विशेष मांग रहती है।
बंबइया आम- इस आम का नाता महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से है। यह आम उसके आस-पास के क्षेत्रों में पाया जाता है. यह नाम स्थानीय बोलचाल से आया है और इसमें बहुत सारी किस्में आती हैं जो आकार, स्वाद और रंग में भिन्न होती हैं।