संजय लीला भंसाली की फिल्मों में लोग सिर्फ लीड किरदारों को ही नहीं बल्कि सपोर्टिंग किरदारों को भी याद रखते हैं। उनके किरदारों में बहुत गहराई और पर्सनालिटी होती है और उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल होता है चाहे वह बैकग्राउंड में ही क्यों ना हो। तो, आइए संजय लीला भंसाली की फिल्मों के कुछ सपोर्टिंग कास्ट मेंबर्स पर नजर डालते हैं, जिन्होंने अपनी परफॉर्मेंस से बड़ा प्रभाव डाला।
फिल्म पद्मावत में रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभाई थी। रणवीर सिंह के अहम गुलाम-सेनापति मलिक काफूर की भूमिका में जिम सर्भ ने फिल्म में शानदार परफॉर्मेंस दी थी। संजय लीला भंसाली ने जिम को अहम किरदार के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पेश किया और फिल्म में उनकी मजबूत प्रेजेंस दी। उन्होंने जिम के किरदार को इस तरह से डिजाइन किया कि उनके एक्टिंग स्किल को बहुत ही बारीकी से पेश किया जा सके।
गंगूबाई काठियावाड़ी में शांतनु माहेश्वरी नजर आए थे। उन्होंने फिल्म में आलिया भट्ट यानी गंगूबाई के प्रेमी अफसान की भूमिका निभाई है। कहानी गंगूबाई के सफर पर आधारित है, लेकिन भंसाली ने यह दिखाना जरूरी समझा है कि अफसान गंगूबाई की जिदगी में कितना जरूरी शख्स है। उसके इंट्रोडक्शन से लेकर अंत तक, फिल्म मेकर ने सुनिश्चित किया कि उनकी मौजूदगी हर जगह महसूस हो।
हीरामंडी: द डायमंड बाजार में इंद्रेश मलिक दिखाई दिए थे। इस सीरीज में वह उस्ताद के रूप में एक महत्वपूर्ण किरदार दिखाई दिए। फिल्ममेकर ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि उनकी मौजूदगी वेश्याओं की दुनिया में महसूस की जाए। इस तरह से एक्टर ने किरदार में ढलते स्क्रीन पर अपने व्यवहार दिल जीता है।
ऋचा चड्ढा एक कमाल की एक्ट्रेस हैं और भंसाली ने राम-लीला में उनके हुनर का बखूबी इस्तेमाल किया है। ऋचा ने लीला के किरदार को अपना पूरा सपोर्ट दिया है और खुद के त्याग को बखूबी दिखाया है, जिससे उनका किरदार यादगार बन गया।
मिलिंद गुनाजी में एक एक्टर के रूप में एक अलग ही आकर्षण है, और काली बाबू के रूप में वे बेहतरीन रहे। संजय लीला भंसाली ने उन्हें एक ऐसी भूमिका दी, जिसमें उनके डायलॉग्स ने कहानी में एक नया आयाम जोड़ दिया, जिससे पूरी फिल्म में उनकी मौजूदगी खास हो गई।