Rakash Taal- इन दिनों कैलाश पर्वत पर मानसरोवर यात्रा की शुरूआत के लिए तैयारियों का दौर जारी है। इस बीच मानसरोवर के बारे में तो आप जानते है यहां पर भगवान शिव का वास होता है। हिंदू धर्म से लेकर सभी धर्म के लोग पहुंचते है। कैलाश पर्वत से जुड़े वैसे तो कई अनसुलझे रहस्य है लेकिन आपने शायद ही राक्षस ताल के रहस्य के बारे में जाना होगा। रहस्य ऐसे है जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे तो कई रहस्य डरा देते है।
कैलाश पर्वत पर स्थित राक्षस ताल झील को शैतान की झील के नाम से भी जानते है। यानि इस झील में शैतानी शक्तियों का वास होता है। कहते हैं कि, राक्षस ताल का नाता लंका के राजा रावण से जुड़ा हुआ है। इस ताल यानि झील में स्नान करने के बाद इसी के निकट बैठकर रावण ने तपस्या की थी और इसलिए इसे राक्षस ताल कहा जाता है।
ये झील अर्धचंद्राकार है और बौद्ध धर्म के लोग इसे अंधेरे का प्रतीक मानते हैं। इस झील के पास नकारात्मकता का वास होता है और इसे अंधकार का प्रतीक मानते है। इसके साथ ही इस झील को रावण और चंद्रमा से जोड़कर भी देखा जाता है।
तिब्बत के लोग राक्षस ताल को लांगगर चो या ल्हानाग त्सो कहते हैं। तिब्बती लोगों और बौद्ध धर्म के अनुयायी मानते हैं कि राक्षस ताल का पानी शापित है। इसके पानी के खारे और विषैले होने की जानकारी मिलती है।
भलें ही राक्षस ताल जहरीला काफी है लेकिन इस झील में मछलियां नजर नहीं आती ना ही इसके आसपास वनस्पतियां हैं। यहां पर पुराने समय में ही इस ताल को शापित माना था इसलिए यहां रौनक नहीं नजर आती है।
राक्षस ताल को लेकर यह भी कहा जाता है कि, अगर गलती से इस झील के पानी में कोई स्नान करता है तो उसे गंभीर बीमारियों का खतरा पनपता है। इसके अलावा कई मामलों में व्यक्ति की मौत हो सकती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस झील में असुरों का वास है। शापित होने की वजह से इस झील को चीन की सरकार ने सुरक्षा में रखा है यानि राक्षस ताल के आस पास बाउंड्री बनाई हुई है।