Bihar Diwas 2025: आज बिहार राज्य 113 साल का हो गया है इस उपलक्ष्य में आज बिहार दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर साल 22 मार्च को ही आता है यहां पर बिहार राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाने की परंपरा है। बिहार की बोली से लेकर संस्कृति हर किसी को भांति है जहां पर बिहार आने का प्लान भी बनाते है। अगर बिहार एक्सप्लोर करने आ रहे है तो इन जगहों पर घूमने का प्लान जरूर बनाएं जो इस प्रकार है...
महावीर मंदिर- बिहार की राजधानी पटना में यह मंदिर स्थित है जहां पर बजरंगबली विराजते है। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और आधुनिक है, जिसमें कई मंजिलें शामिल हैं।मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष रूप से अधिक भीड़ होती है.महावीर मंदिर श्रद्धा, भक्ति और सेवा का प्रतीक है, जो बिहार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को दर्शाता है।
विष्णुपद मंदिर - बिहार के गया में भी प्रसिद्ध मंदिर विष्णुपद स्थित है यहां पर भगवान विष्णु के चरणों के निशान पर स्थापित है। पितृ पक्ष के मौके पर यह मंदिर पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए भी प्रसिद्ध है। कहते हैं इस जगह पर ही भगवान राम और माता सीता ने यहां पिंडदान किया था। वर्तमान मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा शासक अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था. विष्णुपद मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महिमा इसे बिहार के प्रमुख तीर्थस्थलों में शामिल करती है।
बुद्ध स्मृति पार्क- बिहार की राजधानी पटना में यह जगह स्थित है। इसे पटना के प्रमुख बौद्ध स्थलों में से एक माना जाता है इस जगह की खासियत है कि, यहां पर भगवान बुद्ध की एक भव्य प्रतिमा और ध्यान केंद्र स्थित हैं, जो शांति और आध्यात्मिकता का संदेश फैलाते हैं।
मुंडेश्वरी मंदिर - बिहार के कैमूर जिले में चैत्र नवरात्रि के मौके पर आप यहां पर घूमने का प्लान कर सकते है। यह मंदिर भगवान शिव और माता शक्ति को समर्पित है और इसकी आयु लगभग 2000 वर्ष है. यहां पूजा बिना बलि के करने की परंपरा है।इस मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है, जिसमें नागर शैली के तत्व स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं. यहाँ देवी मुंडेश्वरी की अष्टभुजा प्रतिमा स्थापित है, जिसे शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
पटन देवी मंदिर- बिहार की राजधानी पटना में आप माता दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक पटन देवी मंदिर आकर दर्शन कर सकते है। बताया जाता है कि, यहां माता सती का दाहिना जांघ गिरा था। यह मंदिर माता दुर्गा के महा पटन देवी और चोटी पटन देवी के स्वरूप को समर्पित है। मंदिर में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की भव्य मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो भक्तों को अपनी दिव्यता से आकर्षित करती हैं।
जलमंदिर- बिहार के दर्शनीय स्थलों में पावापुरी का जलमंदिर भी खास है। कहते हैं इस जगह पर ही भगवान महावीर ने अपना अंतिम उपदेश दिया और निर्वाण प्राप्त किया. यह एक सुंदर जलाशय के मध्य स्थित है। यह मंदिर भगवान महावीर के निर्वाण स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है, क्योंकि यहीं उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी. यह स्थान जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
उग्र तारा मंदिर- बिहार राज्य के सहरसा जिले में आप चैत्र नवरात्रि के मौके पर इस प्राचीन शक्तिपीठ के दर्शन कर सकते है। से तंत्र साधना के प्रमुख स्थलों में से एक माना जाता है और महाविद्या तारा देवी का स्थान कहा जाता है।यह मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती की दाहिनी आंख गिरी थी, जिसके कारण यह शक्ति पीठ बना है।