अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, ये वो नाम है जो करीब 150 साल से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता आया है। हाल में सुप्रीम कोर्ट ने इसके अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे को बरकरार रखा है।
क्या आप जानते हैं कि सर सैयद अहमद खान जब इस यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए चंदा जुटा रहे थे, तो उन्होंने बनारस और पटियाला के राजघरानों से लेकर तवायफों के कोठों तक से पैसा लिया था।
क्या आपको पता है कि इस यूनिवर्सिटी को बनाने में आखिर कितना पैसा लगा था?
सरकार ने इसके लिए एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट पास किया। आज की तारीख में ये एक केंद्र सरकार से वित्त पोषित विश्वविद्यालय है, जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में 467.6 हेक्टेयर में फैला है।
सैयद अहमद खान जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए चंदा जुटा रहे थे, तब उन्होंने भारत के गवर्नर जनरल रहे थॉमस बैरिंग से संपर्क किया।
उस समय थॉमस बैरिंग ने उन्हें 10,000 रुपए का दान दिया। इस यूनिवर्सिटी के लिए दान देने वालों में पटियाला के महाराजा महिंद्रा सिंह साहब बहादुर और बनारस के राजा शंभू नारायण का नाम शामिल है।
इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए सर सैयद अहमद खान को बनारस के राजघराने से जहां 60,000 रुपए, पटियाला से 58,000 रुपए मिले थे।
वहीं सबसे बड़ी मदद हैदराबाद के सातवें निजाम ने की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके करीब 5 लाख रुपए के दान ने यूनिवर्सिटी को बनाने में बहुत मदद की।