विपुल शाह की फिल्मों में इमोशन, एक्शन और दमदार कहानियों का जबरदस्त मिक्स होता है। 2000s का दौर उनका पीक टाइम था, जब उन्होंने साबित कर दिया कि कमर्शियल होते हुए भी फिल्में दिल से बनाई जा सकती हैं।
इन फिल्मों ने बॉलीवुड को बना दिया गोल्डन एरा
2000 का गोल्डन एरा आज भी सिनेमा लवर्स बड़े प्यार से याद करते हैं। उस दौर में अगर किसी फिल्ममेकर ने कमर्शियल सिनेमा को दिल से समझा और उसे खूब असरदार तरीके से परदे पर पेश किया, तो वो हैं विपुल अमृतलाल शाह। 'आंखें', 'नमस्ते लंदन' और 'कमांडो' जैसी फिल्मों से उन्होंने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर हिट दी, बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी जगह बना ली।
साल 2008 में आई कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज किंग' को सुपर टैलेंटेड विपुल अमृतलाल शाह ने डायरेक्ट नहीं किया था, लेकिन फिर भी ये फिल्म उस गोल्डन एरा की लिस्ट में स्पेशल मेंशन डिज़र्व करती है। इस हंसी से भरपूर प्रोजेक्ट को विपुल शाह ने प्रोड्यूस किया था, और इसमें कॉमेडी के किंग अक्षय कुमार ने अपने अंदाज से जान डाल दी थी। ये एक ऐसी वन ऑफ अ काइंड कॉमेडी थी, जो आज भी लोगों को गुदगुदाने में कामयाब होती है।
2000s में विपुल शाह ने ऐसा कोई जॉनर नहीं छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपना कमाल न दिखाया हो। चाहे रोम-कॉम हो, थ्रिलर या फिर साइंस फिक्शन, इस विज़नरी डायरेक्टर ने हर बार ऑडियंस को कुछ नया, कुछ फ्रेश देने की कोशिश की, और वो भी बड़े पर्दे पर एक ग्रैंड एक्सपीरियंस के साथ। साल 2010 में आई उनकी फिल्म 'एक्शन रिप्ले' आज भी कई मिलेनियल्स की बचपन की फेवरेट बनी हुई है।
साल 2005 में आई क्लासिक फिल्म 'वक्त' में एक बार फिर अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार की आइकॉनिक जोड़ी नजर आई। म्यूजिकल रोमांटिक होने के साथ-साथ ये फिल्म एक बेहतरीन फादर-सन स्टोरी भी है, जिसमें प्रियंका चोपड़ा और शेफाली शाह ने भी दिल छू लेने वाले रोल किए थे। प्यार, रिश्तों और पारिवारिक बॉन्ड्स की ये कहानी जितनी दिल को सुकून देने वाली है, उतनी ही इमोशनल भी। विपुल शाह की ये फिल्म आज भी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाए हुए है।
साल 2007 की क्लासिक फिल्म 'नमस्ते लंदन' जिसे विपुल शाह ने डायरेक्ट किया था, फिल्ममेकिंग के हर पहलू में पास ही नहीं, टॉप पर थी। चार्टबस्टर म्यूज़िक, आइकॉनिक कास्टिंग और एक ऐसी टाइमलेस क्वालिटी, जो आज भी उतनी ही असरदार लगती है। जिस साल बॉलीवुड अपने पीक पर था, उस भीड़ में भी इस फिल्म ने अपनी अलग पहचान बनाई और उसी गोल्डन दौर में एक यादगार योगदान दिया।
साल 2002 में आई थ्रिलर फिल्म 'आंखें' बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन हाइस्ट मूवीज़ में गिनी जाती है। विपुल शाह ने इस फिल्म में अपने डायरेक्शन का जबरदस्त जलवा दिखाया था। अमिताभ बच्चन तीन नेत्रहीन लड़कों को बैंक लूटने की ट्रेनिंग दे रहे हैं, ये आइडिया जितना वाइल्ड लगता है, उसकी एक्सीक्यूशन उतनी ही ब्रिलियंट थी। दो दशक बीत जाने के बाद भी इस फिल्म की बात आज भी बड़े चाव से होती है।