योगी सरकार ने शराबियों को दिया बड़ा तोहफा! नए साल और क्रिसमस पर होगी बल्ले-बल्ले
इसके द्वारा एक तय उम्र से कम के लोगों का शराब पीना अवैध बताया और शराब की बिक्री के लिए शराब के अड्डों पर खरीददारों की उम्र जांचने के लिए कोई सख्ती नहीं है।
याचिका में शराब की घर-घर डिलीवरी का भी विरोध किया गया है। इसके साथ ही तर्क दिया गया है कि होम डिलीवरी से कम उम्र के लोगों में शराब की लत बढ़ सकती है।
ये याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग की ओर से दायर है। इसमें कम उम्र के लोगों के शराब पीने और अलकोहल के कारण होने वाले हादसों पर चिंता जताई गई है।
याचिकाकर्ता ने इस उद्देश्य से याचिका दायर की है। जिससे सभी राज्यों में शराब को लेकर एक तरह की नीति बन सके। इससे शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाले हादसों में कमी लाई जा सकेगी।
याचिका में अलग-अलग राज्यों में शराब खरीदने और पीने की अलग-अलग उम्र के बीच के गैप पर रखा गया है। जैसे शराब बेचने वाले सभी स्थानों (शराब की दुकानों, होटलों, क्लबों, बार, पब व फूड और वेबरेज आउटलेट्स) पर ऐसे लोगों की उम्र जांचने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
जो 30 साल से कम उम्र के हो। इसके लिए सरकार की ओर से जारी पहचान प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड या किसी अन्य का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे यूआईडी सर्वर से लिंक कर लागू किया जा सकता है।
दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब में महाराष्ट्र की ही तरह शराब खरीदने और पीने की न्यूनतम आयु 25 साल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख में शराब खरीदने और पीने की उम्र 21 साल और उससे अधिक तय है। केरल में इसके लिए कम से कम 23 साल उम्र होनी चाहिए।