ओडिशा में कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन (फोटो फाइल- ANI)
भुवनेश्वर: ओडिशा में कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और विधायकों के निलंबन के विरोध में बड़ा प्रदर्शन किया। विधानसभा के घेराव के दौरान कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच टकराव देखने को मिला। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतांत्रिक विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में 14 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया था, जिससे कांग्रेस आक्रोशित है। कांग्रेस विधायकों ने निलंबन को अलोकतांत्रिक बताते हुए विधानसभा के बाहर धरना दिया और पूरी रात सड़क पर बिताई। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर सरकार को घेरना जारी रखेगी।
इस प्रदर्शन में AICC ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास और कई विधायकों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह विफल रही है और जब इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाते हैं, तो विपक्ष के नेताओं को निलंबित किया जाता है। विधानसभा के घेराव के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई, जिससे माहौल और गर्मा गया। कांग्रेस का कहना है कि सत्ता पक्ष सवालों से बचने के लिए विपक्ष की आवाज दबा रहा है।
विधानसभा में हाल ही में विपक्ष और सत्तारूढ़ बीजेपी विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति को ‘अनियंत्रित व्यवहार’ के आरोप में सात दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद मंगलवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में 12 और विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के भीतर धरना जारी रखा और पूरी रात महात्मा गांधी मार्ग पर सड़क पर ही बिताई।
बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा की ओर मार्च निकाला, जहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने कांग्रेस के दो और विधायकों, तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश जेना को भी निलंबित कर दिया।
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कांग्रेस का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने कहा कि वे महिलाओं के खिलाफ अपराध और विधायकों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगते रहेंगे।