भूमि पेडनेकर (फोटो सोर्स-इंस्टाग्राम)
मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने हिंदी दिवस के मौके पर अपने बचपन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें हिंदी भाषा पर गर्व हैं। एक इंटरव्यू में भूमि पेडनेकर ने बताया कि हिंदी हमारी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हुं और अपनी मां का धन्यवाद अदा करना चाहती हूं, जो उन्होंने मुझे एक ऐसे स्कूलों में दाखिल किया, जहां हिंदी अनिवार्य थी।
भूमि पेडनेकर ने आगे बताया कि मैं इस बात को लेकर गर्व महसूस कर सकती हूं कि अपनी समकालीनों में मैं हिंदी लिख और पढ़ सकती हूं। बोल तो सभी लेते हैं, मगर लिखना-पढ़ना सभी नहीं कर पाते। मुझे लगता है कि मेरी हिंदी और संवर सकती है। मेरा पहला रिश्ता स्कूल में हिंदी से बना था। ये वही दौर था, जब मुझे लगता कि शायद मुझे अभिनव के क्षेत्र में मजा आने वाला है, क्योंकि क्लास में मेरी शिक्षिका मुझे हिंदी के पाठ पढ़ने को कहा करती थीं।
एक्ट्रेस ने ईदगाह की कहानी के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने कक्षा में और भी कई कहानियां पड़ी थी, लेकिन ईदगाह को मन लगाकर पूरे भाव के साथ पढ़ना याद है मुझे। उस कहानी को पढ़ने के बाद मैं क्लास में काफी साराही गई थी। हमारे हिंदी की टीचर गीता मैम ने मेरी काफी प्रशंसा की थी। तब से हिंदी और हिंदी कहानियों के साथ एक लगाव-सा हो गया था।
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स्कूल के वार्षिकोत्सव पर हम हिंदी नाटक किया करते थे। हम एक आरएसएस स्कूल में गए थे, वहां बकायदा हिंदी और संस्कृति को बहुत महत्व दिया जाता था। कॉलेज में आने के बाद जब भी मौका मिलता, मैं स्टेज पर पहुंच जाती थी चाहे वह नाटक हो या नित्य हो या गायक। जैसा कि मैंने कहा कि कॉलेज में भी मैं सभी सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे रहने के लिए जानी जाती थी। पिछले साल जब मैं अपने स्कूल जाकर अपनी टीचर से मिली, तो उन्होंने भी दूसरे विद्यार्थियों को बताया कि कैसे मैं नाटक और हिंदी के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लवटि थी।
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि यह भी कम दिलचस्प नहीं है कि प्रेमचंद जी की बड़े भाई साहब नमक जो कहानी मैंने स्कूल में पढ़ी थी, उसका मुझ पर गहरा प्रभाव रहा। जब मैं अपनी एक्टिंग क्लास के लिए ऑडिशन दे रही थी, तो मुझे टू गेट ऑडिशन क्लास में हिस्सा लेना था और तब उन्होंने मुझे प्रेमचंद की बड़े भाई साहब की कहानी का मोनोलॉग दिया था, जिस पर मुझे परफॉर्म करना था। यहां भी अपनी इस पसंदीदा कहानी पर मैंने मन लगा कर मोनोलॉग प्रस्तुत किया था। यह कहानी मेरे जीवन का अमिट हिस्सा बन गया।