वणी. पृथक विदर्भ राज्य निर्माण किए जाए इसे लिए पूरे विदर्भ में जनजागरण कर विदर्भ की समस्या का हल करने के लिए पृथक विदर्भ के लिए अधिवेशन के पहले दिन 28 फरवरी को वेरायटी चौराहे पर मानवी शृंखला का आयोजन करते हुए विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के आंदोलन का बिगुल बजेगा.
संविधान की धारा 3 के तहत राज्य निर्मिति का अधिकार केंद्र सरकार व संसद का होने की वजह से पहली बार 11 मार्च 2022 को केंद्र सरकार के नागपुर में स्थित सेमिनरी हिल्स कार्यालय के बाहर आंदोलन किया जायेगा. इसके बाद भी पृथक विदर्भ की मांग प्रभावी रूप से सरकार के पास रखने के लिए दूसरे चरण में 7 अप्रैल 2022 को जंतरमंतर से संसद पर हल्लाबोल आंदोलन करने की घोषाणा की गई. इस आंदोलन में विदर्भ के नागरिकों ने बडी संख्या में उपस्थित रहने की अपील विदर्भ राज्य समिति ने की है.
वर्ष 1905 से स्वातंत्र्य पूर्व समय अवधि से शुरू हुई पृथक विदर्भ आंदोलन को 117 वर्ष बीत गए है. पृथक विदर्भ राज्य करने के लिए इसके संबध में अनेक आयोग व समिति की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में पृथक विदर्भ राज्य मजबूत हो सकता है. इस वजह से पृथक विदर्भ निर्माण करने की बात कही है. भारतीय जनता दल व कॉंग्रेस इस प्रमुख दल ने स्वतंत्र विदर्भ राज्य निर्माण हो इसका प्रस्ताव रखा है. ऐसे में अनेक राज्य की निर्मिति हुई लेकिन विदर्भ को स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए उदासीनता नजर आ रही है.
विदर्भ राज्य अब भी राजनीतिक दृष्टी से पिछडा होने का इतिहास है. 28 सितंबर १९५3 को नागपुर करार कर जनता की सहमित ना लेते हुए राज्य में शामिल किया. लेकिन विदर्भ पर अब भी अन्याय हो रहा है. इसीलिए पृथक विदर्भ की मांग जोर पकडती जा रही है. आंदोलन में शामिल होने का आह्वान विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष वामनराव चटप,पुरुषोत्तम पाटील,रफीक रंगरेज,राहुल खारकर,बालासाहेब राजूरकर,शालिनीताई रासेकर,दशरथ पाटील,राहुल झट्टे,उद्धव हेपट, वंदना दगडी,अलकाताई मोवाडे,देवा बोबडे,होमदेव कन्नके आदि ने किया है.