42 शिक्षक बिना तैनाती के अधर में (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Yavatmal News: पालघर जिले से यवतमाल जिला परिषद को कुल 42 शिक्षक आंतरजिला (अंतर-ज़िला) स्थानांतरण के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। लेकिन इन शिक्षकों को पिछले डेढ़ महीने से नियुक्त नहीं किया गया है। इससे ये शिक्षक अधर में हैं और जिले की कई स्कूलों को शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य सरकार ने ऑनलाइन पद्धति के माध्यम से जिला परिषद के शिक्षकों को आंतरजिला स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत आज तक हजारों शिक्षकों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण का अवसर मिला है। इसी प्रक्रिया के अनुसार, चार साल पहले इन शिक्षकों ने पालघर से यवतमाल जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था और इसे मंजूर भी किया गया था।
लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण पालघर जिला परिषद ने इन्हें चार वर्षों तक रिलीज़ नहीं किया। अंततः 25 अगस्त 2025 को इन्हें मुक्त कर दिया गया और ये सभी शिक्षक 26 अगस्त को यवतमाल जिला परिषद में नियुक्ति के लिए पहुंचे। उन्हें उम्मीद थी कि जिला परिषद में तैनाती के बाद उन्हें कोई पंचायत समिति या स्कूल मिल जाएगा। लेकिन यवतमाल जिला परिषद प्रशासन ने भी बिंदूनामे (स्थानीय प्रशासनिक मुद्दों) के कारण इन्हें नियुक्त नहीं किया।
अब ये शिक्षक डेढ़ महीने से न तो पालघर जिला परिषद में कार्यरत हैं और न ही यवतमाल जिला परिषद में। जिससे उनकी नौकरी का मामला गंभीर हो गया है। ग्रामविकास मंत्री गोरे ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पालघर से यवतमाल आए 42 शिक्षकों सहित संभाजीनगर, जालना, परभणी और सांगली से आंतरजिला स्थानांतरण द्वारा आए शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए सकारात्मक संकेत दिए।प्रधान सचिव एकनाथ डवले को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया गया। साथ ही, टीईटी (टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट) से जुड़े मुद्दों पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन गोरे ने दिया।
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इन 42 शिक्षकों को तुरंत नियुक्त करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी सीधे ग्रामविकास मंत्री के दरबार में पहुंचे। शिक्षक नेता संभाजीराव थोरात के मार्गदर्शन में, शिक्षक समन्वय महासंघ के राज्याध्यक्ष मधुकर काठोले, राज्याध्यक्ष बालासाहेब मारणे और यवतमाल जिल्हाध्यक्ष राजेश उदार ने ग्रामविकास मंत्री जयकुमार गोरे तथा प्रधान सचिव एकनाथ डवले से मुलाकात की। उन्होंने आंतरजिला स्थानांतरण के जरिए यवतमाल आए 42 शिक्षकों को नियुक्त करने की लिखित मांग प्रस्तुत की।