मुंबई: बीएमसी (BMC) की बहुउद्देशीय कोस्टल रोड परियोजना (Coastal Road Project) फ़ास्ट ट्रैक पर है। परियोजना के लिए उपयोग में लाई जा रही एक विशाल सुरंग बोरिंग मशीन ‘मावला’ (Mawla) ने दो महीने के अंदर 357 मीटर सुरंग (Tunnel) की खुदाई कर दी है। बीएमसी की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिड़े (Ashwini Bhide) ने भी ट्वीट कर कहा कि मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट की दूसरी सुरंग का काम प्रगति पर है।
मरीन ड्राइव पर प्रिंसेस स्ट्रीट से बांद्रा-वर्ली सी लिंक के वर्ली छोर तक शुरू होने वाली 10.58 किलोमीटर लंबी परियोजना के तहत प्रियदर्शिनी पार्क से गिरगांव चौपाटी तक 2.07 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। प्रियदर्शिनी पार्क से गिरगांव चौपाटी तक पहले टनेल को इस साल 10 जनवरी को पूरा कर लिया गया था। 30 मार्च से दूसरे टनेल का काम शुरू हुआ। अब तक 357 मीटर का काम हुआ है। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस टनेल का काम जनवरी 2023 तक पूरा हो जाएगा।
टीबीएम ‘मावला’ मशीन की ऊंचाई चार मंजिला इमारत तक है। इसका वजन 2,800 टन है। मशीन का व्यास 12.19 मीटर है। भारत में पहली बार सुरंग खोदने के लिए इतनी बड़ी मशीन का इस्तेमाल हो रहा है।
दक्षिण मुंबई से उत्तर मुंबई को जोड़ने वाले कोस्टल रोड प्रॉजेक्ट दिसंबर 2023 में पूरा होगा, जबकि पहले अक्टूबर 2022 तक काम पूरा करने का लक्ष्य था।
बताया गया कि मुंबई के कोस्टल रोड की सुरक्षा दीवार का काम 73 % पूरा हो गया है। समुद्र में सुरक्षा दीवार तैयार की जा रही है, जिसकी लंबाई 7.47 किलोमीटर है। कोस्टल रोड 8 लेन का फ्री वे है जिसमें पुल, सड़क और टनल शामिल हैं। इसके बनने से दक्षिण मुंबई और उत्तर मुंबई के बीच की दूसरी काफी कम हो जाएगी। मरीन ड्राइव से कांदिवली तक बन रहे 22.2 किलोमीटर लंबे कोस्टल रोड के पहले चरण का काम हो रहा है। बीएमसी मरीन ड्राइव से बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के दक्षिणी छोर तक 10.58 किलोमीटर लंबा कोस्टल रोड बना रही है।