अजित पवार, सुप्रिया सुले और शरद पवार
मुंबई: महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का दौर भी जल्दी ही शुरू होने वाला है। इसी बीच माना ये जा रहा है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी महायुति का बड़ा झटका दे सकते हैं। सुप्रिया सुले को लेकर दिए गए उनके ताज़ा बयान के बाद सियासी फिजाओं में अटकलों के बादल तैरने लगे हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक किसी भी गठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात शुरू नहीं हुई है। हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी दावा कर रही है कि जल्द ही सीट बंटवारे पर बात कर फैसला लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के साथ महायुति में है।
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अजित पवार की एनसीपी विधानसभा चुनाव में 90 से अधिक सीटों की मांग कर रही है। इधर शिंदे गुट भी 90 से अधिक सीट मांग रहा है। 288 सीटों में 180 सीटें सहयोगियों को देगी तो बीजेपी के पाले में सिर्फ 108 सीटें आएगी। देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी अपने दोनों सहयोगियों को 90-90 सीटें देंगी। साथ ही बीजेपी को 108 में से रामदास अठावले व अन्य छोटे दलों को सीटें देना होगा।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मांग पूरी नहीं होती है तो वह दूसरा रास्ता भी अपना सकते हैं। इन दिनों अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के मुखिया शरद पवार के खिलाफ एक भी बयान नहीं दे रहे है। अजित पवार को शरद पवार के प्रति यह नरम रवैया इस ओर संकेत कर रहा है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता और उनके परिवार के मुखिया हैं, इसलिए वह उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उतारकर गलती की। बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में पत्नी को उतारने के फैसले पर अजित को अब पश्चाताप हो रहा है। उन्होंने कहा कि घर में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
माना ये जा रहा है कि अजित पवार का शरद पवार और सुप्रिया सुले के प्रति नरम रवैया इस ओर संकेत कर रहा है कि वह फिर से घर वापसी कर सकते हैं। इसलिए बयानों के जरिए वह अपने लिए दरवाजा खुला रखना चाहते हैं। हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई अजित वापसी करेंगे और इस पर सीनियर पवार का क्या कुछ रुख होगा?