वर्धा जिला परिषद (सोर्स: सोशल मीडिया)
Wardha Elections Budget: वर्धा जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों की भागदौड़ तेज हो गई है। किसी भी समय चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है। इसी क्रम में जिप-पंस की अंतिम प्रभाग रचना, मतदाता सूची कार्यक्रम, आरक्षण प्रक्रिया और चुनावी खर्च का बजट तैयार किया गया है।
सरकार ने इस बार प्रति मतदान केंद्र 72 हजार रुपए अनुदान देने का निर्णय लिया है। जिले में जिप और पंस के लिए लगभग 1,300 मतदान केंद्र रहने की संभावना है। इस आधार पर चुनाव प्रक्रिया पर कुल 10 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है।
पहले सरकार की ओर से प्रति मतदाता के अनुसार अनुदान दिया जाता था। एक मतदान केंद्र पर औसतन 40 हजार रुपए की राशि मिलती थी। लेकिन अब नए मानकों के अनुसार प्रति मतदान केंद्र के हिसाब से 72 हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया है।
वर्धा जिले में जिला परिषद के 52 गट और पंचायत समिति के 104 गण हैं। मतदाता सूची कार्यक्रम पूरा होने के बाद मतदान केंद्रों की निश्चित संख्या तय होगी, किंतु लगभग 1300 केंद्र रहेंगे, यह लगभग स्पष्ट हो चुका है।
इस बजट में मतदान केंद्राध्यक्ष, मतदान अधिकारी, कर्मचारी, स्टेशनरी, चुनाव सामग्री, परिवहन तथा अन्य प्रशासनिक खर्चों को शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार, पिछले जिप-पंस चुनाव में साढ़े पांच करोड़ रुपए का खर्च हुआ था, जबकि इस बार खर्च का बजट लगभग दो गुना बढ़ा है।
जिला परिषद और पंचायत समिति के साथ-साथ ग्राम पंचायत चुनावों के लिए भी अनुदान तय किया गया है। इस बार प्रति मतदान केंद्र 31,250 रुपए अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। जिले में वर्ष 2026 की शुरुआत में अधिकांश ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद चुनाव लिए जाएंगे। इसलिए प्रशासनिक स्तर पर चुनावी तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है।
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उल्लेखनीय है कि चुनावी कार्यक्रम घोषित होते ही चुनाव प्रक्रिया पूर्ण की जाती है, लेकिन सरकार द्वारा घोषित अनुदान समय पर प्राप्त नहीं हो पाता। ऐसे में कई कार्य उधारी पर किए जाते हैं, जिनके बिल संबंधित विभागों को मिलते हैं, परंतु निधि के अभाव में भुगतान समय पर नहीं हो पाता।
बढ़ती महंगाई के कारण चुनावी खर्च में वृद्धि हुई है, इसलिए सरकार ने अनुदान के नए मानक निर्धारित किए हैं। चुनावी प्रक्रिया में सेवा देने वाले कर्मचारी, अधिकारी और अन्य यंत्रणा को भी इस अनुदान के अंतर्गत भत्ता प्रदान किया जाएगा।