जिला परिषद स्कूल (कंसेप्ट फोटो, एक्स)
Wardha News: नए शैक्षणिक सत्र को प्रारंभ होकर एक महीना बित गया हैं, किन्तु अब तक विद्यार्थियों को दूसरा गणवेश (यूनिफॉर्म) उपलब्ध नहीं हुआ है। इसी बीच सरकार ने दूसरे ड्रेस के लिए अल्प राशि भेजते हुए विद्यार्थियों से खिलवाड़ किया है। प्रति विद्यार्थी ड्रेस के लिए 300 रुपए देने की योजना है।
परंतु दूसरें ड्रेस के लिए केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को प्रति विद्यार्थी केवल 105 रुपए के अनुसार 49 लाख 8 हजार 435 रुपए ही निधि प्राप्त हुई है। उक्त निधि शीघ्र ही पंस स्तर पर वितरित किया जाने वाला है। इस राशि से बच्चों के लिए ड्रेस कैसे खरीदा जाएगा, यह गंभीर प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है। स्कूल के पहले दिन सभी विद्यार्थियों को गणवेश देने का लक्ष्य रखा गया था।
इसके लिए प्रथम चरण में जिला परिषद के शिक्षा विभाग को 1.33 करोड़ का निधि प्राप्त हुआ था। निधि का पंस स्तर पर वितरण कर शाला प्रबंधन समिति के जरिए प्रति विद्यार्थी 1 गणवेश का वितरण हुआ। 23 जून से स्कूलें आरंभ हुई। अब दूसरे गणवेश की प्रतीक्षा विद्यार्थी कर रहे हैं।
अब दूसरे ड्रेस के लिए उम्मीद थी कि, पूर्ण राशि मिलेगी। परंतु ऐसा नहीं हुआ। वर्धा में शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार से प्रति विद्यार्थी 300 रु. के बजाए केवल 105 रुपए ही प्राप्त हुए है। शेष 195 रु. कब मिलेगे, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। पहले ही महंगाई इतनी बढ़ गई है। 300 रुपए में ड्रेस खरीदना मुश्किल है। उसमें भी सरकार ने केवल 105 रुपए भेजे है। परिणामवश इस शैक्षणिक सत्र में दूसरा गणवेश मिलेंगा भी या नहीं, इसे लेकर संभ्रम बना हुआ है।
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जिला परिषद व नगप परिषद क्षेत्र में कुल 950 सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 वीं तक कुल 46 हजार 747 विद्यार्थियों को प्रति विद्यार्थी दो गणवेश दिये जाने है, स्कूल के पहले सप्ताह में एक गणवेश विद्यार्थियों को वितरित किया गया है। एक गणवेश व शूज, सॉक्स के लिए प्रति विद्यार्थी 470 रुपए सरकार से अनुदान प्राप्त हुआ है। इसमे 300 रुपए गणवेश व 170 रुपये शूज एवं सॉक्स के लिए मिले थे। पहले चरण में 1 करोड़ 33 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। इसका वितरण पंस स्तर पर किया गया था।