वर्धा. समृद्धि महामार्ग के बाद राज्य सरकार ने शक्तिपीठ महामार्ग की घोषणा कर प्रोजेक्ट को मान्यता दी है. जिससे प्रोजेक्ट गतविधियां तेज हो गई है. एमएसआरडीसी व्दारा यह मार्ग बनाया जानेवाला है. वर्तमान में जिले में मार्किंग का कार्य पूर्ण हुआ है. जिसके बाद मिट्टी परीक्षण का कार्य किया जा रहा है. आनेवाले दिनों में अधिग्रहन को लेकर अधिसूचना जारी होने की संभावना है.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट समृद्धि महामार्ग को पुरा करने के बाद नागपुर को गोवा से जोड़ने की घोषणा की थी. उक्त मार्ग को शक्तीपीठ महामार्ग नाम भी फडणवीस ने सितंबर 2022 में दिया था. तत्पश्चात मार्ग को लेकर प्रशासनिक स्तर पर गतिविधियां तेज हो गई थी. नागपुर से सिंधुदुर्ग के पात्रादेवी तक 760 किमी का मार्ग बनाया जानेवाला है. राज्य के तीन शक्तिपीठों से यह मार्ग गुजरने के कारण मार्ग को शक्तीपीठ मार्ग नाम देने की घोषणा की गई. मार्च के बजेट के दौरान उपमुख्यमंत्री फडणवीस प्रकल्पों को मान्यता देते हुए प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए थे. समृद्धि महामार्ग के पैटर्न पर यह मार्ग विकसित किया जानेवाला है.
नागपुर गोवा शक्तिपीठ महामार्ग का निर्माण आचार्य विनोबा भावे की कर्मभूमी पवनार से आरंभ होगा. पवनार समीप से समृद्धि महामार्ग गुजरने के कारण यहां से शक्तिपीठ मार्ग को डायवर्शन दिया गया है. जहां से मुड़ने के बाद सेवाग्राम- खरांगणा मार्ग से यवतमाल की ओर निकलेगा. वर्तमान में नागपुर से गोवा की दूरी करीब 21 घंटे की है. परंतु शक्तिपीठ मार्ग के कारण यह दूरी महज 11 घंटे की होगी. शक्तिपीठ महामार्ग के कारण विदर्भ की कनेक्टिविटी नागपुर, वर्धा, यवतमाल, मराठवाड़ा के हिंगोली, परभणी, बीड़, लातुर, धाराशिव, पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर व कोकण के साथ और बेहतर होगी.
कुल 6 लेन का यह रोड 3 लेन जाने के लिये तथा 3 लेन आने के लिये होगी. प्रोजेक्ट पर कुल 86 हजार 300 करोड रूपये खर्च होनेवाले हैं. जिले से गुजरनेवाले मार्ग पर मार्किंग का कार्य पुर्ण किया गया है. तथा मार्ग निर्माण में कोई दिक्कत नही हो इसके लिये मिट्टी परीक्षण का कार्य भी किया जा रहा है. भू संपादन विभाग के कर्मचारी जाधव ने बताया की, जमीन का मोजमाप पूर्ण हुआ है. परंतु सरकार की और से भू संपादन के संदर्भ में कोई सूचना प्राप्त नही हुई है. भू-संपादन विभाग की उपजिलाधिकारी प्रियंका पवार से संपर्क नही हो पाया.
शक्तिपीठ महामार्ग पवनार, सेवाग्राम से होते हुए माहूर, अंबेजोगाई, तुलजापुर इन तीन शक्ति पिठों को जोड़ेगा. वहीं परली वैजनाथ, औंढा नागनाथ यह ज्योतिर्लिंग भी मार्ग से जुड़ जायेंगे. नांदेड का गुरूव्दारा, पंढरपुर, अक्कलकोट, नरसोबाची वाड़ी, औंदुबर आदि धार्मिक स्थल मार्ग से जुड़ेंगे. जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.